2022 में भेजे जाने वाले गगनयान मिशन से पहले एक मानव रहित मिशन जाएगा, व्योममित्रा उसी का हिस्सा होगीह्यूमनॉइड का मतलब ऐसे रोबोट से है, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से इंसान जैसा बर्ताव कर सकता हैDainik Bhaskar Jan 22, 2020, 04:21 PM ISTनई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने बुधवार को मानवरहित अंतरिक्ष मिशन गगनयान में भेजी जाने वाली ह्यूमनॉइड व्योममित्रा का वीडियो जारी किया। इसरो के वैज्ञानिक सैम दयाल ने कहा कि यह ह्यूमनॉइड मानव की तरह व्यवहार करने का प्रयास करेगी और हमें वापस रिपोर्ट करेगी। हम ऐसा प्रयोग के तौर पर कर रहे हैं। 1984 में राकेश शर्मा रूस के अंतरिक्ष यान में बैठकर अंतरिक्ष गए थे। इस बार भारतीय एस्ट्रोनॉट्स भारत के अंतरिक्ष यान में बैठ कर स्पेस में जाएंगे।इसरो चीफ सिवन ने कहा- गगनयान के अंतिम मिशन से पहले दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में अंतरिक्ष में मानव जैसे रोबोट भेजे जाएंगे। यह इंसान जैसे दिखने वाले ह्यूमनॉइड रोबोट होंगे। अन्य देश ऐसे मिशन से पहले अंतरिक्ष में पशुओं को भेज चुके हैं। ह्यूमेनॉइड शरीर के तापमान और धड़कन संबंधी टेस्ट करेंगे। सिवन ने बताया कि गगनयान मिशन के लिए जनवरी के अंत में ही 4 चुने हुए एस्ट्रोनॉट्स ट्रेनिंग के लिए रूस भेजे जाएंगे।सिवन ने कहा कि गगनयान मिशन सिर्फ इंसान को अंतरिक्ष में भेजने का मिशन नहीं है। यह मिशन हमें आगे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग जुटाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि वैज्ञानिक खोज, आर्थिक विकास, शिक्षा, तकनीकी विकास और युवाओं को प्रेरणा देना सभी देशों का लक्ष्य है। किसी भारतीय द्वारा अंतरिक्ष की यात्रा इन सभी प्रेरणाओं के लिए सबसे बेहतरीन प्लेटफॉर्म है।”गगन यान मानव मिशन में 3 क्रू मेंबर होंगे2022 में इसरो मानव मिशन गगन यान लॉन्च करेगा। इसमें 3 क्रू मेंबर शामिल होंगे। इस मिशन में इसरो किसी महिला को नहीं भेज रहा है। ऐसे में मानव मिशन से पहले मानव रहित मिशन के लिए इसरो ने महिला की शक्ल वाला ह्यूमनॉइड तैयार किया है, जिसे व्योममित्रा नाम दिया गया है। इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कुछ न्यूज वेबसाइट्स के चर्चा में कहा- ह्यूमनॉइड करीब-करीब पूरी तरह से तैयार है। हम चाहते हैं कि हमारी क्षमताओं को दिखाने के साथ-साथ यह मिशन अपना मकसद पूरा करे। मानव मिशन पर भेजें जाएं और उन्हें सुरक्षित वापस लाया जाए।ह्यूमनॉइड क्या होते हैंह्यूमनॉइड एक तरह के रोबोट हैं, जो इंसान की तरह चल-फर सकते हैं और मानवीय हाव-भाव को भी समझ सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग के जरिए ह्यूमनॉइड सवालों के जवाब भी दे सकते हैं।ह्यूमनॉइड कैसे काम करते हैं।ह्यूमनॉइड के दो खास हिस्से होते हैं, जो उन्हें इंसान की तरह प्रतिक्रिया देने और चलने फिरने में मदद करते हैं। ये दो हिस्से हैं- सेंसर्स और एक्च्यूएटर्स।सेंसर की मदद से ह्यूमनॉइड अपने आस-पास के वातावरण को समझते हैं। कैमरा, स्पीकर और माइक्रोफोन जैसे उपकरण सेंसर्स से ही नियंत्रित होते हैं। ह्यूमनॉइड इनकी मदद से देखने, बोलने और सुनने का काम करते हैं।एक्च्यूएटर खास तरह की मोटर होती है, जो ह्यूमनॉइड को इंसान की तरह चलने और हाथ-पैरों का संचालन करने में मदद करती है। सामान्य रोबोट की तुलना में एक्च्यूएटर्स की मदद से ह्यूमनॉइड विशेष तरह के एक्शन कर सकते हैं।दुनिया में ह्यूमनॉइड कहां मौजूद हैंह्यूमनॉइड्स का इस्तेमाल पहले केवल शोध के लिए किया जाता था, लेकिन पिछले कुछ समय से इन्हें इंसान के सहायक के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा रहा है। दुनिया में सोफिया, कोडोमोरॉइड और जिया-जिया काफी प्रसिद्ध ह्यूमनॉइड हैं। रोचक बात यह है कि तीनों ह्यूमनॉइड्स महिला की तरह बनाई गई हैं।सोफियायह सबसे प्रसिद्ध ह्यूमनॉइड है और दुनिया की पहली रोबोट नागरिक है। 11 अक्टूबर, 2017 को संयुक्त राष्ट्र में इसका परिचय कराया गया था। 25 अक्टूबर को इसे सऊदी अरब की नागरिकता मिली। 2019 में यह भारत भी पहुंची थी और इंदौर में इसने लोगों के सवालों के जवाब भी दिए थे।कोडोमोरॉइडकोडोमोरॉइड जापान में बनाई गई ह्यूमनॉइड है। यह टेलीविजन पर प्रस्तुति देती है। उसका नाम जापानी शब्द कोडोमो यानी बच्चा और गूगल के एंड्रॉइड से मिलकर बना है। कोडोमोरॉइड कई भाषाएं बोल सकती है। वह समाचार पढ़ने और मौसम की जानकारी देने में सक्षम है।जिया जियायह ह्यूमनॉइड चीन में बनाई गई है। इसे दुनिया के सामने लाने से पहले चीन की साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी में इसका 3 साल तक परीक्षण किया गया। यह बातचीत करने में सक्षम है, लेकिन इसका मूवनेंट और भावनाएं सीमित हैं। आविष्कारक इसे बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
Source: Dainik Bhaskar January 22, 2020 08:49 UTC