घर छोड़ वृद्ध आश्रम जाने को तैयार नहीं कौशल्या - News Summed Up

घर छोड़ वृद्ध आश्रम जाने को तैयार नहीं कौशल्या


........................दिन सोमवार, समय 11 बजे, स्थान शाहपुर हलके के जलाड़ी स्थित 87 वर्षीय कौशल्या देवी का आवास। मौके पर पहुंची थीं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कांगड़ा की सचिव एवं वरिष्ठ न्यायाधीश नेहा दहिया। इस दौरान कौशल्या देवी के घर पहुंचे मंझग्रां पंचायत के प्रधान, उपप्रधान व वार्ड सदस्य से उन्होंने 12.30 बजे तक यह जाना कि बुजुर्ग महिला को सरकार की योजनाओं का कितना लाभ मिल रहा है। मंझग्रां के प्रधान, उपप्रधान व वार्ड सदस्य ने जवाब दिया कि कौशल्या देवी पत्नी स्वर्गीय रूमेल ¨सह को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ मिलने के साथ-साथ पीडीएस के तहत सस्ता राशन भी मिल रहा है लेकिन लाभार्थी इसका लाभ नहीं उठा पा रही है। हालांकि राशन तो पड़ोसी घर पहुंचा देते हैं लेकिन पेंशन प्राप्त नहीं कर पा रही है। वर्तमान में वृद्धा अकेली रह रही है। कौशल्या देवी के तीन बच्चे हैं। एक 47 वर्षीय बेटा मानसिक रूप से विक्षिप्त है और उसका उपचार मामा करवा रहे हैं तो दो बेटियों में से एक की मौत हो गई जबकि दूसरी कभी कभार मायके आती है। वृद्धा के जर्जर मकान का सवाल है तो पंचायत ने आवास निर्माण के लिए आवेदन कर दिया है, लेकिन अब तक धनराशि स्वीकृत नहीं हुई है। शौचालय सरकारी स्कीम अनुसार प्राप्त धनराशि से बना दिया है। नए आवास के इंतजाम के संबंध में न्यायाधीश ने जानकारी हासिल करने के बाद मौके पर ही रैत विकास खंड के बीडीओ से दूरभाष पर बात की और पंचायत को निर्देश दिए कि वह तुरंत वृद्धा को बीपीएल में लाएं। साथ ही स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए उसका स्वास्थ्य कार्ड भी बनवाएं और मकान के लिए भी प्रक्रिया शुरू करें। वरिष्ठ न्यायाधीश ने वृद्धा से पूछा कि उन्होंने घर में रहना है या फिर रहने का इंतजाम वृद्धाश्रम दाड़ी में किया जाए। इस पर कौशल्या ने कहा, वह अपने ही घर पर रहना चाहती हैं। जनप्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि वृद्धा की बेटी उसे अपने घर ले गई थी, लेकिन एक माह बाद कौशल्या घर पहुंच गई। भाई भी वृद्धा को अपने घर ले जाने के लिए आया था। अब वृद्धा की देखरेख का जिम्मा किसे सौंपा जाएगा, यह सवाल पैदा हो गया है और इस पर फैसला 22 अक्टूबर को किया जाएगा। इस संबंध में वृद्धा की बेटी को भी सूचित कर दिया है। इस मौके पर पंचायत उपप्रधान कमल चंद कटोच व वार्ड सदस्य भी मौजूद रहे।..................क्या है मामलामंझग्रां की 87 वर्षीय कौशल्या देवी घर में अकेली रहती हैं। घर की हालत खराब है। बुजुर्ग रोज रात को सोने से पहले घर की खिड़की के बाहर कागज का टुकड़ा रखती है ताकि गांववासियों को पता चल सके कि वह जीवित है। इस मामले को समाजसेवी संजय शर्मा ने सबसे पहले उठाया था और इसके बाद ही यह सुर्खियों में आया था। इस मामले का हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया और मंगलवार को वरिष्ठ न्यायाधीश मौके पर पहुंचीं थीं। वृद्धा के मकान की छत टूट चुकी है और वह गिरने की कगार पर है।......................'पंचायत की ओर से हरसंभव कदम सहायता के लिए उठाया जाएगा। वृद्धा को बीपीएल परिवार में शामिल करने के लिए प्रयास किया जाएगा। आवास दिलाने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत उसकी ओर से आवेदन किया जाएगा।'-देवराज, प्रधान मंझग्रां पंचायत।........................'पंचायत की ओर से प्रस्ताव दिया जाता है और खंड विकास कार्यालय की ओर से मकान आवंटित किया जाता है। जहां तक बात है प्रधानमंत्री आवास योजना की है तो इसमें सामाजिक आर्थिक गणना 2011 के तहत पात्र लाभार्थियों को ही आवास की सुविधा है। वृद्धा के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत धनराशि स्वीकृत की जा सकती है। इसके लिए वृद्धा का परिवार बीपीएल में होना चाहिए और इस संबंध में पंचायत को कदम उठाना होगा।'-मुनीष चौधरी, बीडीओ रैत -प्रस्तुति : जलाड़ी से राजेंद्र डोगरा व मोहिंद्र सिंह।Posted By: Jagran


Source: Dainik Jagran October 16, 2018 04:52 UTC



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