आरक्षित सीट से 11 प्रत्याशी लड़ रहे चुनावDainik Bhaskar Oct 21, 2019, 04:53 AM ISTआरक्षित बावल सीट पर अधिकांश उम्मीदवार एससी समुदाय से हैं। -पढ़िए आनंद शर्मा की रिपोर्ट...हलके में अहीर व जाट वोट निर्णायक की भूमिका में हैं। 185 गांवों में से खोल खंड के करीब 30 अहीर बाहुल्य गांव व बावल खंड के हाईवे बेल्ट पर करीब 20 जाट समुदाय के गांवों के मतदाता इस बार भी जीत में निर्णायक रहेंगे। जजपा ने भी लंबे समय से समाजसेवा के कार्यों में जुटे श्याम सुंदर सभरवाल को टिकट देकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है। मुख्य वजह मानी जा रही है कि विधानसभा क्षेत्र में 20 से अधिक जाटों के गांव हैं।दूसरी तरफ भाजपा के उम्मीदवार डॉ. बनवारीलाल को विधानसभा के खोल खंड के करीब 30 अहीर बाहुल्य गांवों के 80 हजार से अधिक वोटों से उम्मीद है। पार्टी इन गांवों में अपनी मजबूत पकड़ मानती है। डॉ. एमएल रंगा हुड्डा के भरोसे जाट बाहुल्य गांवों में मजबूत पकड़ बनाने में जुटे हैं। उन्हें पहले भी जाट मतदाताओं का समर्थन मिलता रहा है। इन्हीं के दम पर वो दो बार विधायक रह चुके हैं। 1987 में वो एलकेडी व 2000 में इनेलो की टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं।बावल से 17 लोगों ने अपना नामांकन किया था। अब विभिन्न पार्टियों व आजाद उम्मीदवार के रूप में 11 लोग चुनावी मैदान में हैं। नामांकन करने वालों में से उदय सिंह व पिंकी ने अपना फॉर्म वापस ले लिया था, जबकि नीरज, पंकज व महेंद्र का नामांकन रद्द हो गया था।
Source: Dainik Bhaskar October 20, 2019 23:15 UTC