कोरोना काल में विद्यार्थियों के हाल: बोले, घर में रहने से बढ़ रहा वजन, चिड़चिड़ापन, ऑनलाइन पढ़ाई नहीं आती रास, अब बोर करने लगी - News Summed Up

कोरोना काल में विद्यार्थियों के हाल: बोले, घर में रहने से बढ़ रहा वजन, चिड़चिड़ापन, ऑनलाइन पढ़ाई नहीं आती रास, अब बोर करने लगी


Hindi NewsLocalRajasthanPaliStudent Said, Increasing Weight And Irritability Due To Staying At Home, Online Studies Do Not Suit, Now It Is Boringकोरोना काल में विद्यार्थियों के हाल: बोले, घर में रहने से बढ़ रहा वजन, चिड़चिड़ापन, ऑनलाइन पढ़ाई नहीं आती रास, अब बोर करने लगीपाली। 8 घंटे पहलेकॉपी लिंकमिली मेहता, सीएमए विद्यार्थीकोरोना के चलते पिछले करीब डेढ़ माह से स्कूल-कॉलेज बंद हैं। ऐसे में घर पर ही बच्चों की ऑनलाइन क्लास चल रही हैं। लेकिन छोटी कक्षा के विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई ज्यादा रास नहीं आ रही। उनकी माने तो वे अब घर में बैठे-बैठे बोर हो रहे और वजन भी बढ़ रहा हैं। दूसरी तरफ कॉलेज लेवल के स्टूडेंट का कहना हैं उन्हें ऑनलाइन पांच से आठ घंटे तक क्लाश एटेंड करनी होती हैं। लेपटॉप पर इतनी देर काम करना भी अपने आप में थकाने वाला हैं। ऐसा लगता हैं कि हम घर में रहकर भी घर में नहीं हैं। दिन भर पढ़ाई उसके बाद खाना-पानी और सो जाना। ऐसी दिनचर्या के चलते वजन बढ़ रहा हैं। चिड़चिड़ापन भी बढ़ रहा हैं। ऐसा लगता हैं कि हम कैद से हो गए हैं। सच कहते तो ऑनलाइन क्लासेस बोर करने जैसी हैं। वहीं कुछ परिजनों का कहना हैं कि बच्चे घर में मोबाइल, टीवी का उपयोग ज्यादा करने लगे हैं। जिससे उनकी आंखें खराब होने का डर रहता हैं तथा टोकते हैं तो गुस्सा हो जाते हैं। बच्चे छोटी-छोटी बातों में आपस में झगड़ भी जाते हैं। ऐसे ही छोटी कक्षा व कॉलेज लेवल के विद्यार्थियों व उनके परिजनों से बात की तो कुछ यह बाते निकल कर सामने आई।सोमवार से स्कूल खुले हैं लेकिन कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को अपने संक्रमण की चपेट में न ले सके इसलिए सरकार ने फिलहाल बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई ही जारी रखने का निर्णय लिया हैं। हालात कोरोना से सामान्य होने के बाद ही स्कूलों में बच्चों का फिर से शोर सुनाई दे सकेगा। आठ जून के बाद सरकार लॉकडाउन में कुछ राहत दे जिसमें काॅलेजों को निर्धारित क्षमता के साथ विद्यार्थियों को बुलाने की छूट को भी शामिल किया जा सकता हैं। लेकिन फिलहाल इसको लेकर कयास ही लगाए जा सकते हैं।विशेष जैन, इंजीनियरिंग विद्यार्थीपांच से आठ घंटे ऑनलाइन पढ़ाई थका देती हैंमहावीर नगर निवासी विशेष जैन ने बताया कि वे बैंगलोर से एक संस्थान में इंजीनयरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। कोरोना के चलते इन दिनों कॉलेज बंद हैं। ऐसे में वे भी पाली घर पर आए हुए हैं और ऑनलाइन क्लास उनकी अभी हो रही हैं। उन्होंने बताया कि रोजाना पांच से आठ घंटे तक ऑनलाइन क्लास अटेंड करना थकाने वाला हैं। इतना थक जाते हैं कि खाना खाने के बाद सीधे सोने की इच्छा होती हैं। कुछ ऐसी ही दिनचर्या चल रही हैं। इसके चलते वजन भी बढ़ रहा हैं। उन्होंने बताया कि पिछले लॉकडाउन से लगाकर अभी तक उनका आठ किलो वजन बढ़ गया हैं।लॉकडाउन में बढ़ गया 6 किलो वजनसीएमए की जोधपुर से पढ़ाई करने वाली पाली की मिली मेहता ने बताया कि रोज पांच से आठ घंटे ऑनलाइन क्लाश अटेंड करना थकाने वाला हैं। पढ़ाई तो कॉलेज जाकर करने में ही अच्छी लगती हैं। ऑनलाइन क्लाश में कई बार तकनीकी परेशानी के चलते टीचर क्लाश नहीं ले पाते हैं। और आठ-आठ घंटे कम्प्यूटर के सामने बैठना आंखों को भी खराब कर रहा हैं। लेकिन किया करें कोरोना के चलते वर्तमान में जो हालात हैं उसमें कॉलेज खुल नहीं सकते। घर में ही दिन भर रहते हैं। ऐसे में वजन भी छह किलो बढ़ गया। कुछ चिड़चिड़ापन भी हो गया हैं।कुणाल मेहता, सीए विद्यार्थीकरीब एक साल से घर पर हूं लेकिन कॉलेज फीस व हॉस्टल फीस देनी पड़ीमुम्बई से सीए फाइनल की पढ़ाई करने वाले पाली के कुणाल मेहता बताते हैं कि वे पिछले करीब एक वर्ष से पाली हैं। कोरोना के चलते मुम्बई में पढ़ाई नहीं हो सकी। ऑनलाइन क्लासेस चल रहे हैं लेकिन उसमें ज्यादा कुछ सीखने को नहीं मिल रहा। घर पर हैं तो भी कॉलेज प्रबंधन पूरी फीस ले रहा हैं और हॉस्टल में भी रियायत नहीं दी जा रही हैं।9वीं की छात्रा सौन्दर्या गौड9वीं में पढ़ने वाली सौन्दर्य ने बताया पढ़ाई से आंखें हो रही खराबकक्षा 9वीं में पढ़ने वाली राजेन्द्र नगर निवासी सौन्दर्या गौड ने बताया कि वह कक्षा 9वीं में पढ़ती हैं। ऑनलाइन क्लासेस थकाने वाली हैं। चार-पांच घंटे लेटपॉट के सामने बैठना आंखों को खराब कर रहा हैं। थकान भी हो जाती हैं। कोरोना खत्म हो और फिर से स्कूल खुले तो पढ़ाई करने में भी मजा आए।कक्षा 7वीं का विद्यार्थी गुरलीन सिंह7वीं में पढ़ने वाले गुरलीन ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई नहीं आती समझ मेंसूरजपोल क्षेत्र में रहने वाले 7वीं कक्षा में पढ़ने वाले गुरलीन सिंह ने बताया कि घर पर ऑनलाइन पढ़ाई करने में परेशानी होती थी। समझ में नहीं आती ऑनलाइन पढ़ाई। ऑफलाइन पढ़ाई अच्छी थी। दोस्तों से मिल सकते थे। स्कूल में इंजॉय कर सकते थे।परिजन बोले, टीवी, मोबाइल के लिए बच्चों में झगड़े बढ़ेशहर के सुंदर नगर निवासी रमेश गोयल ने बताया कि कॉलेज बंद होने से बेटा प्रतिक व बेटी सेजल इन दिनों घर पर ही हैं। टीवी देखना हो या मोबाइल चलना हैं इसको लेकर दोनों में आए दिन तकरार होती। जो हमारे लिए परेशानी का कारण बन जाती हैं। बच्चे दिन भर घर में ही रहती हैं। ऑनलाइन पढ़ाई की थकान और उसके बाद टीवी पर अपना पसंदीदा प्रोगाम देखने को लेकर दोनों बच्चों में तकरार आम हो गई हैं। पहले दोनों कॉलेज चले जाते थे तो घर में शांति रहती थी। महावीर नगर निवासी सुनील जैन ने बताया कि बच्चों में इंटरनेट यूज को लेकर झगड़ा न हो इसलिए अगल से डोगल लगा रखा हैं। जिससे दाेनों की ऑनलाइन पढ़ाई चलती रहे।


Source: Dainik Bhaskar June 07, 2021 03:56 UTC



Loading...
Loading...
  

Loading...