भास्कर एक्सप्लेनर: न किरायेदारों पर मनमाने नियम थोपे जा सकेंगे, न ही मकान मालिक को कोई परेशान कर सकेगा; नए कानून के बारे में सबकुछ - News Summed Up

भास्कर एक्सप्लेनर: न किरायेदारों पर मनमाने नियम थोपे जा सकेंगे, न ही मकान मालिक को कोई परेशान कर सकेगा; नए कानून के बारे में सबकुछ


Hindi NewsDb originalExplainerModel Tenancy Act 2020| Prime Minister Narendra Modi Govt Introduces New Law For Tenancy | All You Need To Knowभास्कर एक्सप्लेनर: न किरायेदारों पर मनमाने नियम थोपे जा सकेंगे, न ही मकान मालिक को कोई परेशान कर सकेगा; नए कानून के बारे में सबकुछकेंद्रीय कैबिनेट ने पिछले हफ्ते मॉडल टेनेन्सी एक्ट को दी मंजूरी2019 में इस कानून का ड्राफ्ट बना था, अब यह राज्यों को भेजेंगेराज्य रेंट कंट्रोल एक्ट बदल सकते हैं, या नया कानून अपना सकते हैंमकान किराये पर देना और लेना, दोनों में ही खूब झंझट है। इन्हीं परेशानियों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते मॉडल टेनेन्सी एक्ट को मंजूरी दी है। यह कानून किराये और इससे जुड़े मसलों पर फ्रेमवर्क की तरह काम करेगा। राज्य अपने रेंट कंट्रोल एक्ट में संशोधन कर या इसे जस का तस अपने यहां लागू कर सकते हैं।वैसे तो इस कानून में किरायेदार और मकान मालिक, दोनों के लिए ही नियम बनाए गए हैं। एडवांस किराया कितना लिया जा सकेगा? औपचारिक रेंट एग्रीमेंट कैसे बनेगा? रेंट एग्रीमेंट की अवधि खत्म होने पर क्या होगा? इस तरह के तमाम प्रश्नों के जवाब इसमें दिए हैं। एग्रीमेंट में होने वाले प्रावधानों को भी स्टैंडर्डाइज किया गया है। ताकि कोई मकान मालिक मनमानी शर्तें किरायेदारों पर न थोपें। हमने इस नए कानून के प्रावधानों को समझने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट आशुतोष शेखर पारचा की मदद ली। आइए जानते हैं यह किस तरह आपको प्रभावित करेगा-मॉडल टेनेन्सी कानून क्या है? नहीं। राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने रेंट कंट्रोल कानूनों में आवश्यक बदलाव कर सकते हैं या नए कानून को लागू कर सकते हैं। चूंकि, यह नियम बाध्यकारी नहीं हैं, इस वजह से किरायेदारी से जुड़े मसले राजनीतिक इच्छाशक्ति से ड्राइव होते हैं।नए कानून में तीन स्तरों पर विवादों के निराकरण की व्यवस्था की गई है। जिला स्तर पर रेंट अथॉरिटी बनानी होगी। राज्यों को समय, संसाधन और प्रयास करने होंगे, तब जाकर यह बन सकेंगी। यह निचले स्तर की ज्युडिशियरी का बोझ कम करेगा।मॉडल एक्ट नए मामलों पर लागू होगा, पुराने पर नहीं। अगर कोई पुराना विवाद है तो वह पुराने कानूनों के तहत ही हल होगा। उन पर नया कानून लागू नहीं होगा।यह इकोनॉमी के लिए किस तरह फायदेमंद है?


Source: Dainik Bhaskar June 07, 2021 03:45 UTC



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