अस्पतालों के सफाई कर्मियों, एंबुलेंस के ड्राइवर को वैक्सीन न लगती तो क्या होता? वैक्सीनेशन पर राज्यों के अधिकार और डी-सेंट्रलाइजेशनमोदी ने कांग्रेस शासित राज्यों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि 16 जनवरी से अप्रैल के अंत तक वैक्सीन कार्यक्रम केंद्र की देखरेख में चल रहा था। सभी लोग वैक्सीन लगवा रहे थे। इसी बीच कई राज्यों ने कहा कि वैक्सीन का काम राज्यों पर छोड़ा जाए। ऐज ग्रुप पर सवाल उठाया कि उम्र की सीमा केंद्र क्यों तय कर रहा है? बुजुर्गों के वैक्सीनेशन पहले करने पर सवाल किए गए। मीडिया के एक वर्ग ने इसे कैंपेन के रूप में चलाया।राज्यों की मांग पर व्यवस्था में बदलाव किया गया। वैक्सीनेशन का 25% काम राज्यों को सौंपा गया। तब उन्हें पता चला कि बड़े काम में कैसी परेशानियां आती हैं। इसके बाद मई का दूसरा सप्ताह बीतते-बीतते राज्य पहली वाली व्यवस्था को अच्छा बताने लगे।3. लॉकडाउनप्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोरोना के केस कम हो रहे थे, तो सवाल उठाया गया कि लॉकडाउन पर फैसले का अधिकार राज्यों को क्यों नहीं मिल रहा? कहा गया कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है इसलिए इस दिशा में शुरुआत की गई। हमने एक गाइडलाइन बनाकर राज्यों को दी ताकि वे अपनी सुविधा के अनुसार काम कर सकें। कई जगहों पर कर्फ्यू में ढील दी जा रही है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कोरोना चला गया है। हमें सावधान रहना है और बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करते रहना है। हम जंग जीतेंगे। भारत कोरोना से जीतेगा।
Source: Dainik Bhaskar June 07, 2021 08:00 UTC