कोरोना ओरिजिन पर US vs China: चीन ने कहा- अमेरिकी जांच की परवाह नहीं, फैक्ट्स खारिज नहीं किए जा सकते; बाइडेन ने दिए है जांच केआदेश - News Summed Up

कोरोना ओरिजिन पर US vs China: चीन ने कहा- अमेरिकी जांच की परवाह नहीं, फैक्ट्स खारिज नहीं किए जा सकते; बाइडेन ने दिए है जांच केआदेश


Hindi NewsInternationalChina US COVID 19 | China Angry On US President Joe Biden Over COVID 19 Origin Probe; Beijing Says It Does Not CareAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपकोरोना ओरिजिन पर US vs China: चीन ने कहा- अमेरिकी जांच की परवाह नहीं, फैक्ट्स खारिज नहीं किए जा सकते; बाइडेन ने दिए है जांच केआदेशबीजिंग/वॉशिंगटन 5 घंटे पहलेकॉपी लिंकअब तक कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है चीन की वुहान लैब से कोरोनावायरस लीक हुआ। इस लैब के कई हिस्सों में WHO टीम को भी नहीं जाने दिया गया था। (फाइल)चीन ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों द्वारा कोरोनावायरस की शुरुआत पर नई जांच करने पर पहली प्रतिक्रिया दी है। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा- अमेरिका फैक्ट्स को झुठला नहीं सकता और हमें किसी भी जांच की परवाह नहीं है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार रात अमेरिकी इंटेलिजेंसी एजेंसीज के नाम जारी आदेश में कोरोना के ओरिजन को लेकर नए सिरे से और तेजी से जांच करने को कहा है। इसकी रिपोर्ट 90 दिन में तलब की गई है। बाइडेन के इस कदम के बाद चीन अब बैकफुट पर नजर आ रहा है।चीन ने क्या कहाअमेरिकी राष्ट्रपति के आदेश के बाद चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा- अमेरिका में कुछ लोग फैक्ट्स और साइंस को पूरी तरह खारिज कर रहे हैं। उन्हें महामारी से लड़ने में अपनी नाकामी पर फोकस करना चाहिए। वो हर बार नए सिरे से चीन को निशाना बनाने के लिए जांच की बात करते हैं। यह सिर्फ साइंस का ही अपमान नहीं है, बल्कि महामारी से लड़ने में दुनिया को एकजुट करने में भी रुकावट है।बाइडेन का आदेशबाइडेन ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों से कोरोना के ओरिजन पर बारीकी से जांच करने के लिए कहा है। रिपोर्ट 90 दिनों के अंदर मांगी है। बाइडेन ने जांच एजेंसियों को चीन की वुहान लैब से वायरस निकलने की आशंका को लेकर भी जांच करने को कहा है। उन्होंने इंटरनेशनल कम्युनिटी से जांच में सहयोग करने की अपील की है। बाइडेन ने कहा, “अमेरिका दुनियाभर में उन देशों के साथ सहयोग जारी रखेगा, जो वायरस की जांच सही ढंग से कराना चाहते हैं। इससे चीन पर पारदर्शी और अंतर्राष्ट्रीय जांच में भाग लेने का दबाव डालने में आसानी होगी।अमेरिका के संक्रामक वायरल डिसीज एक्सपर्ट और कोरोना टास्क फोर्स के चीफ डॉ. एंथनी फौसी ने भी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) से कोरोना की उत्पत्ति को लेकर जांच आगे बढ़ाने की मांग की है।चीन पर दबाव बढ़ेगाअमेरिका कोरोनावायरस की जांच के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कोरोनावायरस टास्क फोर्स के चीफ डॉक्टर एंथनी फौसी ने कुछ दिनों पहले इशारों में कहा था कि कोरोनावायरस की शुरुआत की जांच की जानी चाहिए और इस मामले में किसी थ्योरी को खारिज नहीं किया जा सकता। इसके पहले ऑस्ट्रेलियाई सरकार के एक मंत्री ने भी इसी तरह का बयान दिया था।कुछ दिन पहले ‘वीकेंड ऑस्ट्रेलिया’ ने भी एक एक्सपर्ट के हवाले से कहा था कि चीन 2015 से जैविक हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है और उसकी मिलिट्री भी इसमें शामिल है। इस एक्सपर्ट ने शक जताया था कि लैब में रिसर्च के दौरान गलती से यह वायरस लीक हुआ। इसके बाद अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा- चीन वायरस की जो थ्योरी बताता है, उस पर शक होता है, क्योंकि नवंबर 2019 में ही वहां वुहान लैब के तीन वैज्ञानिकों में इसके लक्षण पाए गए थे और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।WHO की मुश्किलें फिर बढ़ेंगीडोनाल्ड ट्रम्प जब राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने कई बार सार्वजनिक तौर पर कहा था कि कोरोनावायरस को चीनी वायरस कहा जाना चाहिए, क्योंकि यह चीन से निकला और चीन ने ही इसे फैलाया। ट्रम्प ने तो यहां तक दावा किया था कि अमेरिकी जांच एजेंसियों के पास इसके सबूत हैं और वक्त आने पर इन्हें दुनिया के सामने रखा जाएगा। हालांकि, ट्रम्प चुनाव हार गए और मामला ठंडा पड़ गया। अब बाइडेन के सख्त रुख ने चीन और WHO की मुश्किलें फिर बढ़ा दी हैं।WHO को ट्रम्प चीन की कठपुतली कहते रहे। उन्होंने इस संगठन की फंडिंग रोक दी थी। बाइडेन ने इसे फिर शुरू कर दिया है। लेकिन, WHO पर आरोप लग रहे हैं कि उसने पूरी जांच किए बगैर ही चीन को क्लीन चिट दे दी और कहा कि वायरस लैब से लीक नहीं हुआ। अब अमेरिका के सख्त रुख के बाद WHO पर दबाव बढ़ेगा, क्योंकि दूसरे देश भी उससे जवाब मांगेंगे।चीन का दखल नहीं होना चाहिए‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक, व्हाइट हाउस के अफसरों ने इस हफ्ते की शुरुआत में ही साफ कर दिया था कि WHO को नए सिरे से और साफ सुथरी जांच करनी होगी। व्हाइट हाउस ने यह भी कहा था कि इस जांच से चीन को दूर रखा जाए। अब अगर WHO ऐसा नहीं करता है तो अमेरिका उसके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। अमेरिकी हेल्थ सेक्रेटरी जेवियर बेरेका और उनकी टीम को शक है कि कोरोनावायरस लैब एक्सीडेंट की वजह से लीक हुआ। इस मामले में कुछ सबूत भी उनके पास बताए जाते हैं। बेरेका ने तो यहां तक कहा था कि चीन के कट्टर दुश्मन ताइवान को इस जांच का ऑब्जर्वर बनाया जाना चाहिए, जबकि वो WHO का मेंबर नहीं है।


Source: Dainik Bhaskar May 27, 2021 14:37 UTC



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