5 /5 अन्य धर्मों ने भी माना है ओम के महत्व कोसनातन धर्म ही नहीं बल्कि भारत के अन्य धर्म-दर्शनों ने भी ओम शब्द की महत्ता को स्वीकारा है। बौद्ध-दर्शन में “मणिपद्मेहुम” का प्रयोग जप एवं उपासना के लिए प्रचुरता से होता है। इस मंत्र के अनुसार ओम को “मणिपुर” चक्र में अवस्थित माना जाता है। यह चक्र दस दल वाले कमल के समान है। जैन दर्शन में भी ओम के महत्व को दर्शाया गया है। महात्मा कबीर ने भी ओम के महत्व को स्वीकारा और इस पर “साखियां” भी लिखीं। वहीं गुरु नानकजी ने भी ओम महत्व को प्रतिपादित किया है।
Source: Navbharat Times August 25, 2020 10:41 UTC