कहानी निगेटिव दौर के पॉजिटिव इंसान की: फेफड़ों में जान भरने के लिए बिहार के धीरज देश में कोरोना के खिलाफ बांट रहे योग की संजीवनी - News Summed Up

कहानी निगेटिव दौर के पॉजिटिव इंसान की: फेफड़ों में जान भरने के लिए बिहार के धीरज देश में कोरोना के खिलाफ बांट रहे योग की संजीवनी


Hindi NewsLocalBiharBihar News; The Story Of A Positive Man Of The Negative Era; Bihar's Yoga Guru Dheeraj Is Giving Life To Yoga Against Corona In The Country For His Life. Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपकहानी निगेटिव दौर के पॉजिटिव इंसान की: फेफड़ों में जान भरने के लिए बिहार के धीरज देश में कोरोना के खिलाफ बांट रहे योग की संजीवनीपटना 12 घंटे पहले लेखक: मनीष मिश्राकॉपी लिंकयोग गुरु धीरज का कहना है कि वशिष्ठ योग से डायफ्रॉम की एक्सरसाइज होती है, जो सांस-लेने छोड़ने की गुणवत्ता तय करता है। यह प्राणायाम हमारे ऑक्सीजन स्तर को बढ़ाकर हमें नवजीवन देती है।सोशल मीडिया के विभन्न प्लेटफार्मों से वह देश विदेशों में लोगों को दे रहे कोरोना से लड़ने की ताकतयोग गुरु धीरज ने कोरोना का काल खोजा है। उन्होंने फेफड़ों पर वार करने वाले वायरस को मात देने के लिए वशिष्ठ प्राणायाम व आसनों का एक खास योगक्रम तैयार किया है जिससे संक्रमण के असर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों से वह देश विदेश में कोरोना से संक्रमितों को वशिष्ठ प्राणायाम की संजीवनी बांट रहे हैं। बिहार के भागलपुर के मूल निवासी योग गुरु धीरज का दावा है कि नियमित वशिष्ठ प्राणायाम करने वाले को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत नहीं पड़ेगी।कोरोना काल में मजबूत फेफड़ा ही बचाएगा जानयोग गुरु धीरज का कहना है कि वशिष्ठ योग से डायफ्रॉम की एक्सरसाइज होती है, जो सांस-लेने छोड़ने की गुणवत्ता तय करता है। यह प्राणायाम हमारे ऑक्सीजन स्तर को बढ़ाकर हमें नवजीवन देती है। फेफड़ों के लिए यह योग रामबाण है जो फेफड़ों को मजबूत बनाकर कोरोना से लड़ने की ताकत देता है। धीरज कहते हैं कि ‘प्राचीन सनातन योग आज कहीं खो गया है। योग के नाम पर आज महज उछल कूद- एक्सरसाइज हो रहा है। लंबी गहरी सांस की प्राणायाम की विधि को बिगाड़ कर तेज़ गति की श्वसन क्रिया पर इन दिनों जोर है। ऐसे में योग के गलत अभ्यास से लोगों को परिणाम नहीं मिल रहे हैं।योग से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहारायुवाओं को योग की प्राचीन पद्धति से जोड़ने और इसके महत्व को जन जन तक पहुंचाने के साथ इसे मार्डन युग के लिए सुलभ बनाने का काम कर रहे धीरज बताते हैं कि भागलपुर से रजिस्टर्ड उनके चैरिटेबल ट्रस्ट वशिष्ठ योग फॉण्डेशन ने कोरोना काल के दौरान मुहिम चलाई, जिसे उन्होंने ‘योगबली’ नाम दिया है । इस देशव्यापी योगबली अभियान का मक़सद है प्राचीन सनातन योग को उसके वास्तविक स्वरूप में घर-घर, गली-गली पहुंचाना। इस प्रयास से देशभर के युवक-युवती बड़े पैमाने पर रुचि ले रहें हैं। संस्था ने कोरोना काल में नियमित अपने यूट्यूब चैनल योग गुरु धीरज व वशिष्ठ योग आश्रम के जरिए देश और विदेश में योग का संचार कर रहा है। वशिष्ठ योग के राष्ट्रीय संगठन कार्य प्रमुख राजीव मिश्र का कहना है कि हर घर में जन जन तक योग पहुंचाकर कोरोना से लड़ाई का मंत्र दिया जा रहा है। बिहार से लेकर पूरे देश में इसके लिए नेटवर्क तैयार किया गया है।भागलपुर से अहमदाबाद का सफरयोग गुरु धीरज वशिष्ठ इन दिनों गुजरात के अहमदाबाद में वशिष्ठ योग आश्रम से ही देश विदेश में लोगों से जुड़े हैं। दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में योग गुरु ने बताया कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए थाइमस ग्लैंड व Lymph सिस्टम को आसन खासकर बैकबैंड आसन जैसे भुजंगासन, धनुरासन से एक्टिव रखना। वह फेफड़े के लिए नियमित आसन के साथ वो वशिष्ठ प्राणायाम, अनुलोम विलोम भ्रामरी करने की सलाह देते हैं । विपरीत परिस्थिति ना आए इसलिए वशिष्ठ प्राणायाम से शरीर में ऑक्सीजन का सिलेंडर तैयार करने की भी सलाह देते हैं।कैसे करें वशिष्ठ प्राणायामयोग गुरु धीरज का कहना है कि शरीर के अंदर वह व्यवस्था है जिसे ऑक्सीजन सिलेंडर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। वशिष्ठ प्राणायाम के माध्यम से लंग्स के डायफ्राम को मजबूत किया जा सकता है। योग गुरु धीरज का कहना है कि सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद दोनों पैरों को बैंड करके रखें और हाथों को खोलकर जमीन पर रखें। इसके बाद मन शांत करके धीरे-धीरे सांस को पेट में भरें। सांस लेते हुए पेट को गुब्बारे की तरह फुलाएं। ख्याल रहे सांस लेने की प्रक्रिया बहुत धीमी गति से हो। इसके बाद सांस को धीरे-धीरे छोड़कर पेट को अंदर की तरफ करें। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराते रहें। इसके लिए समय सीमा कुछ भी नहीं है। यह प्राणायाम सहज व सरल है। इससे संक्रमण से लड़ाई आसान होगी, नहीं तो ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भटकने में सांस टूट जाएगी।


Source: Dainik Bhaskar May 03, 2021 03:41 UTC



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