Hindi NewsLocalDelhi ncrPenetration In Pakistan, Meddling In Nepal And Bullying In Ladakh Followed By Dragon At Our Threshold In The Indian OceanAds से है परेशान? है, यानी इतने नजदीक चीन की स्थायी मौजूदगी रहेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि कोलंबो पोर्ट सिटी में इकोनॉमिक जोन बनाना सिर्फ शुरुआत है। श्रीलंकाई संसद ने जिस 7 सदस्यीय आयोग को मंजूरी दी है, उसमें 5 सदस्य श्रीलंकाई और 2 चीन के होंगे। पोर्ट सिटी बना रही कंपनी चीन की सरकार से समर्थित है। आयोग के जरिये चीन यहां शासन करेगा।हमारे लिए पहले ही 4 मोर्चों पर मुश्किलें खड़ी कर रहा है चीन...अब हिंद महासागर में देगा चुनौतीपाकिस्तान : चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के तहत चीन यहां 62 बिलियन डॉलर के प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। इस निवेश के बदले पाकिस्तान की विदेश नीति में उसका दखल साफ दिखता है।नेपाल : राजनीति में चीन का दखल बढ़ा है। इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश के नाम पर चीन ने कर्ज का जाल बिछाया है। नतीजा है कि पीएम ओली भारत विरोधी बयान देते रहे। राजनीतिक संकट में चीन उनका साथ देता रहा।सियाचिन : दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र में हम लगातार चीन का सामना कर ही रहे हैं। चीन की वजह से ही प्रकृति की सबसे विषम परिस्थितियों में हमारे जवान लगातार इस सीमा पर डटे रहते हैं।लद्दाख : इस क्षेत्र में हालिया तनाव हर भारतीय के जेहन में ताजा है। गलवान घाटी में खूनी संघर्ष और लंबे तनाव के बाद चीन अब पीछे हटा तो है, मगर इस मोर्चे पर दोबारा धोखे की आशंका बरकरार है।कन्याकुमारी : चीन की मौजूदगी महज 290 किमी. भारतीय कूटनीति छोटे पड़ोसी देशों के प्रति संवेदनशील बने, उनकी भावनाओं की कद्र की जाए और हमारे उच्चायुक्त वहां वायसराय जैसा सुलूक न करें। 2. निर्णय लेने में देरी के हर बिंदु को प्लग किया जाए। 3. अगले कम से कम 50 साल के लिए राष्ट्रीय सामरिक नीति तैयार की जाए ताकि हम आने वाले परिवर्तनों के हिसाब से खुद को तैयार कर सकें।
Source: Dainik Bhaskar May 27, 2021 02:16 UTC