ऐसे थे लाला अमरनाथ जिन्‍होंने अंग्रेजों के खिलाफ सेंचुरी लगाई थी पहली सेंचुरी - News Summed Up

ऐसे थे लाला अमरनाथ जिन्‍होंने अंग्रेजों के खिलाफ सेंचुरी लगाई थी पहली सेंचुरी


सन् 1930 की शुरुआत का कोई वक्त। लाहौर का एक लड़का मैदान में धुंआधार बल्लेबाजी कर रहा था। मैच तो लोकल था, लेकिन उसे देखने पटियाला महाराज की टीम के ऑस्ट्रेलियन कोच फ्रैंक टैरेंट भी पहुंचे थे। मैच के दौरान लड़के ने जिस तरह से बढ़-बढ़कर शॉट लगाए, उसने फ्रैंक को अपना मुरीद बना लिया। फिर फ्रैंक ने लड़के को नॉर्दर्न इंडिया की टीम में शामिल करा दिया। फ्रैंक को यकीन था कि लड़का अंग्रेजों को माकूल जवाब देगा। 1933 में मैच बंबई जिमखाना में तय हुआ। यह भारतीय टीम का अपनी जमीन पर पहला मैच था।भारतीय टीम के कप्तान सीके नायडू और ब्रिटिश टीम के कप्तान डगलस जार्डिन टॉस के लिए पहुंचे। तब बंबई जिमखाना में बीस हजार दर्शक बैठ सकते थे, लेकिन दोनों कप्तानों को पहली बार आमने-सामने देखने के लिए वहां तकरीबन पचास हजार लोग जमा हो चुके थे। मैच शुरू हुआ, मगर 12 रन पर ही 3 विकेट गिर गए। अब लाहौर का लड़का मैदान में उतरा। जार्डिन ने एक बॉल फेंकी। लगा कि बॉल ने विकेट टच किया। जोरदार अपील हुई, लेकिन अंपायर नहीं माना। जार्डिन ने लड़के को चिढ़ाकर कहा, ‘बॉल के विकेट पर टच होने की आवाज ऑस्ट्रेलिया तक सुनाई दी थी।’ उस रोज लड़के ने बचा-बचाकर खेला।अब आया मैच का अगला दिन। इस बार एक ओर थे सीके नायडू तो दूसरी ओर लाहौर का वह लड़का। दो के दोनों आगे बढ़कर मारने वाले। जार्डिन ने गेंदें फेंकीं, अपने खिलाड़ियों से जमकर बाउंसर फिंकवाईं, लेकिन यह क्या! दो के दोनों खिलाड़ी उनको धुनते गए, धुनते गए। पूरा स्टेडियम सांस रोके उन्हें अंग्रेजों की धुनाई करते देखता रहा। और जब पारी खत्म हुई तो पता चला कि अपनी जमीन पर अंग्रेजों को इतनी बुरी तरह धुनने वाला यह नया लड़का था लाला अमरनाथ। जिसने अंग्रेजों के खिलाफ पहली सेंचुरी लगाई, मैदान पर उन्हें धुनकर रख दिया।संकलन : लक्ष्मी ध्यानी


Source: Navbharat Times June 24, 2020 05:26 UTC



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