एशिया: मानसून में बीते 80 वर्षो के दौरान लगातार कम हो रही बारिश, वैज्ञानिकों ने बताया ये कारणवाशिंगटन, प्रेट्र। Monsoon एक अमेरिकी विश्वविद्यालय ने अध्ययन के हवाले से दावा किया है कि एशिया में मानसून (Monsoon) लगातार कमजोर हो रहा है। आलम यह है कि पिछले 80 वर्षो के दौरान मानसून सीजन में बारिश लगातार कम हुई है।इससे भारत में जल की उपलब्धता, परिस्थितिकी और कृषि पर गहरा प्रभाव पड़ा है। अमेरिका के एरिजोना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह भी दावा किया है कि मानव निर्मित वायु प्रदूषण पिछले 448 वर्षों के दौरान बारिश में आई अभूतपूर्व गिरावट की प्रमुख वजह है।जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, ट्री रिंग (पौधे के तने के छल्ले) रिकार्ड के माध्यम से यह भी पता लगाया गया कि वर्ष 1566 में एशिया में मानसून कैसा था। अध्ययन में पाया गया कि मानसून 1940 के बाद से ज्यादा कमजोर हो रहा है।परिणामस्वरूप लोगों को सूखे का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 80 वर्षो से मानसून में आ रही लगातार गिरावट के पीछे औद्योगिक विकास व चीन समेत उत्तरी गोलार्ध में एयरोसोल (तरल और ठोस कण) उत्सर्जन बड़ी वजह है।एरिजोना विवि के स्टीव लेविट के अनुसार, 'पिछले अध्ययनों में क्षेत्र की ट्री रिंग क्रोनोलोजी को देखा गया, जबकि नए अध्ययन में शामिल पेड़ों की संख्या और बिताए गए समय को आधार बनाया गया है।' उन्होंने कहा, 'हम एक क्षेत्र से 450 वर्ष से भी ज्यादा के ट्री रिंग डेटा को इकट्ठा करने में सक्षम थे। यहां ट्री रिंग की वृद्धि वार्षिक बारिश का स्पष्ट हाल बयां कर रही थी।'उल्लेखनीय है कि दुनिया की लगभग आधी आबादी एशियाई मानसून से प्रभावित होती है। कम बारिश के कारण भारत से साइबेरिया तक लोग पानी की किल्लत और कृषि संकट का सामना करते हैं।अध्ययन के लिए चीन को बनाया केंद्रपिछले 448 वर्ष के दौरान बारिश के रुझान का पता लगाने के लिए उत्तर मध्य चीन में स्थित पश्चिमी लोएस पठार के 10 ट्री रिंग का क्रोनोलोजीकली इस्तेमाल किया गया। पाया गया कि बारिश वाले साल में ट्री रिंग ज्यादा मोटे हुए। ट्री रिंग ने वर्ष 1928 व 1929 के अकाल को भी दर्शाया, जब अकेले चीन में 50 हजार से ज्यादा लोग भुखमरी का शिकार हुए थे।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Prateek Kumar
Source: Dainik Jagran May 16, 2019 16:07 UTC