Hindi NewsBusinessKapil Wadhawan Offers Family Assets To Repay DHFL Lendersएडमिनिस्ट्रेटर को भेजा पत्र: परिवार की संपत्ति बेचकर चुका सकते हैं डीएचएफएल का कर्ज, कंपनी के प्रमोटर कपिल वधावन ने दिया ऑफरनई दिल्ली 13 घंटे पहलेकॉपी लिंकट्रांजेक्शन ऑडिटर ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट अनुसार कारोबारी साल 2007 से कारोबारी साल 2019 के दौरान डीएचएफएल में 17,394 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी रिपोर्ट की गई थी।कपिल वधावन ने एडमिनिस्ट्रेटर से कहा- संपत्ति की गलत वैल्यू ना आंकी जाएडीएचएफएल को खरीदने के लिए 4 कंपनियों ने रेजोल्यूशन प्लान दाखिल कियादिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटर कपिल वधावन ने कर्ज चुकाने के लिए नया ऑफर पेश किया है। वधावन ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से नियुक्त एडमिनिस्ट्रेटर आर. सुब्रमण्यकुमार को पत्र भेजकर कहा है कि परिवार की संपत्ति बेचकर डीएचएफएल का कर्ज चुकाया जा सकता है। पारिवारिक संपत्ति की वैल्यू 43 हजार करोड़ रुपए के करीब है। डीएचएफएल पर करीब 90 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है।संपत्ति की सही वैल्यू आंकी जाएकंपनी के अधिग्रहण के लिए निविदा आने पर वधावन ने कहा है कि सभी संपत्तियों के लिए सही वैल्यू आंकी जाए। उन्होंने कहा है कि संपत्ति की गलत वैल्यू आंकने का प्रयास ना किया जाए। वधावन ने एडमिनिस्ट्रेटर से आग्रह किया है कि उन्हें भी डीएचएफएल की रेजोल्यूशन प्रक्रिया में सुझाव देने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा है कि डीएचएफएल ने सितंबर 2018 से 44 हजार करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है। 17 अक्टूबर को लिखे पत्र में वधावन ने उम्मीद जताई है कि रेजोल्यूशन प्रक्रिया सकारात्मक रहेगी।चार कंपनियों ने जमा किया रेजोल्यूशन प्लानडीएचएफएल की खरीदने के लिए निविदा प्रक्रिया शनिवार को समाप्त हुई है। इसके लिए चार कंपनियों ने रेजोल्यूशन प्लान जमा किया है। इन कंपनियों में अडानी ग्रुप, पीरामल एंटरप्राइजेज, अमेरिका की ओकट्री और हांगकांग की एससी लोवी शामिल हैं। पिछले साल आरबीआई ने इन्सोलवेंसी एंड बैंकरप्सी (आईबीसी) कोड के तहत डीएचएफएल की दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच में डीएचएफएल की दिवालिया प्रक्रिया चल रही है।डीएचएफएल में कई धोखाधड़ी हुईपिछले महीने की फाइलिंग के मुताबिक ट्रांजेक्शन ऑडिटर ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट अनुसार कारोबारी साल 2007 से कारोबारी साल 2019 के दौरान डीएचएफएल में 17,394 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी रिपोर्ट की गई थी। प्रमोटर्स द्वारा किए गए फंड डायवर्जन के कारण कर्जदाताओं ने डीएचएफएल अकाउंट को फ्रॉड की श्रेणी में डाल दिया था। फॉरेंसिक ऑडिट में 12,705.53 करोड़ रुपए की अन्य धोखाधड़ी का पता चला था। इस महीने के शुरू में ग्रांट थॉर्नटन को तीसरी धोखाधड़ी का भी पता चला था। तीसरी धोखाधड़ी 2,150.84 करोड़ रुपए की थी, जो डीएचएफएल की इंश्योरेंस सब्सिडियरी की वैल्यू को कम आंक कर गई थी।
Source: Dainik Bhaskar October 19, 2020 11:37 UTC