आरोप / चीन उइगर मुसलमानों की सांस्कृतिक पहचान मिटाने में जुटा, कब्रिस्तानों पर पार्किंग और मैदान बना रहा - News Summed Up

आरोप / चीन उइगर मुसलमानों की सांस्कृतिक पहचान मिटाने में जुटा, कब्रिस्तानों पर पार्किंग और मैदान बना रहा


चीन सरकार उइगरों के मस्जिदों और कब्रिस्तानों को तोड़ रही है, शोधकर्ताओं ने इसे ‘सांस्कृतिक नरसंहार’ बतायाउइगरों के साथ अमानवीयता होने के कारण अमेरिका और चीन में तनाव, चीनी अधिकारियों को वीजा नहीं देने की घोषणाचीन का कहना है- शिनजियांग व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र है, जहां चरमपंथ रोकने के लिए उइगरों को प्रशिक्षित किया जाता हैDainik Bhaskar Oct 12, 2019, 10:02 AM ISTबीजिंग. चीन शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुसलमानों के पूर्वजों की कब्रों को नष्ट करने में जुटा है। आलोचकों का कहना है कि अल्पसंख्यक समुदाय की सांस्कृतिक पहचान मिटाने के लिए वहां कार पार्किंग और खेल का मैदान बनाया जा रहा है। हाल ही में कुछ सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई है, जहां नए पार्क नजर आ रहे हैं वहीं, हाल में अमेरिका ने उइगरों के साथ अमानवीयता को लेकर चीन के अधिकारियों को वीजा देने पर रोक लगा दी थी।अमेरिकी की वाणिज्य विभाग ने उइगुर मुस्लिम महिलाओं के जबरन गर्भपात कराने का भी आरोप लगाया था। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि हम दमनकारी नीति वाले लोगों के लिए वीजा जारी नहीं करेंगे। मानवाधिकारों का संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण है। सभी देशों को अपने मानवाधिकारों के दायित्वों और प्रतिबद्धताओं का सम्मान करना चाहिए। अमेरिका इसका का जवाब देने के लिए चीनी अधिकारियों की समीक्षा करना जारी रखेगा।उइगर मुसलमानों की मस्जिदें तोड़ी जा रहींइंडिपेंडेंट न्यूज के मुताबिक, चीन सरकार उइगरों की मस्जिदें तोड़ रही है। बच्चों को माता-पिता से अलग किया जा रहा है। कुछ शोधकर्ताओं ने इसे ‘सांस्कृतिक नरसंहार’ बताया है। वहां रह रहे एक उइगर मुसलमान सलीह हुदैयर ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हमारे समुदाय के कब्रिस्तान जहां उनके दादा-दादी को दफनाया गया था, उसे नष्ट कर दिया गया। सरकार हमारे इतिहास को मिटाने का प्रयास कर रही है। एक अभियान के तहत हमारी सांस्कृतिक पहचान को खत्म किया जा रहा है।न्यूज एजेंसी के संवाददाताओं ने नष्ट हुए कब्रिस्तानों का दौरा भी किया। वहां हड्डियां मिली। इंडिपेंडेंट के फोरेंसिक विशेषज्ञों ने बताया कि यह मानव के अवशेष थे। यहां तक कि प्रसिद्ध लोगों की कब्रों को भी नहीं बख्शा गया। प्रमुख उइगर कवि लुत्पुल्ला मुटलिप को जहां दफनाया गया था, उस जगह को मानव निर्मित झील, नकली पांडा और बच्चों के लिए खेल के मैदान ‘हैप्पीनेस पार्क’ में बदल दिया गया। चीनी अधिकारियों ने कहा कि जब कब्रों को स्थानांतरित किया गया तो उन्हें नहीं पता था कि मुटलिप के अवशेषों का क्या हुआ।इससे पहले चीन में उइगर मुसलमानों पर अत्याचार में कथित रूप से शामिल 28 संस्थानों को अमेरिका ने ब्लैकलिस्ट कर दिया था। बैन की गई संस्थाओं पर अल्पसंख्यक उइगर मुसलमानों के साथ क्रूरता और अमानवीयता करने का आरोप है। न्यूज एजेंसी ने एक रिपोर्ट के हवाले से कहा था कि अमेरिका ने इन संस्थानों को निगरानी सूची में डाला है। अब इन पर सरकार की मंजूरी के बगैर, अमेरिकी कंपनियों से किसी तरह की सामग्री खरीदने पर पाबंदी लगा दी गई है। ताजा सूची में शामिल संस्थानों में चीन की सरकारी एजेंसियां और तकनीकी कंपनियां शामिल हैं। इनमें से कुछ जासूसी के उपकरण भी बनाती हैं।अमेरिकी निगरानी दल के मुताबिक, शिनजियांग में चीनी अत्याचार का शिकार होने वाले उइगर मुसलमानों की संख्या दस लाख तक पहुंच गई है। अमेरिका ने आरोप लगाते हुए कहा था कि चीन में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमेशा नजर रखी जाती है। वे स्वतंत्र नहीं हैं। उनपर कई तरह की पाबंदियां हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी उइगरों के साथ होने वाले अमानवीय व्यवहार पर चिंता जताई है।चीन ने कहा- अमेरिका हमारे आंतरिक मामले में हस्तक्षेप कर रहाहालांकि, चीन हमेशा से यह कहता रहा है कि शिनजियांग प्रांत में व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र है। यहां इन लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे चरमपंथ को रोका जा सके। वहीं, अमेरिका के इस कदम पर चीन ने ऐतराज जताया। उसने कहा कि शिनजिंयाग प्रांत में उइगर मुस्लिमों का जिक्र करना हमारे आतंरिक मामले में हस्तक्षेप है। वीजा पर प्रतिंबध लगाकर अमेरिका अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मानदंड का उल्लंघन कर रहा है।


Source: Dainik Bhaskar October 12, 2019 02:31 UTC



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