आज आमने-सामने होंगे भारत-पाक, जानें- कौनसी 3 बड़ी जंग हार चुके हैं इमरान - News Summed Up

आज आमने-सामने होंगे भारत-पाक, जानें- कौनसी 3 बड़ी जंग हार चुके हैं इमरान


नई दिल्‍ली, जागरण स्‍पेशल। अमेरिका के न्‍यूयॉर्क शहर पर आज करोड़ों लोगों की नजर टिकी है। भारतीय समयानुसार शाम साढ़े सात से आठ बजे के बीच भारत और पाकिस्‍तान के बीच कड़ा मुकाबला होगा। भारत और पाकिस्‍तान आमने-सामने होंगे। आप समझ रहे होंगे भारत-पाकिस्‍तान के बीच क्रिकेट मुकाबला है क्‍या। जी नहीं, यह कोई विश्‍व कप का मुकाबला नहीं है, बल्कि आज दो दशों के बीच राजनयिक वार होगा। दोनों देशों को अलग-अलग 15 मिनट का समय दिया गया है।दरअसल, संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 74वें सत्र में इस बार देश के प्रधानमंत्री और पाकिस्‍तान में उनके समक्ष आमने-सामने होंगे। सवाल यह है कि क्‍या पाकिस्‍तान में उनके समकक्ष इमरान खान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सवालों का जवाब दे पाएंगे। इस सत्र में भारत की रणनीति क्‍या है। किस तरह से पाकिस्‍तान तीन प्रमुख राजनयिक वार में पहले भी पस्‍त हो चुका है। तीन जंग हार चुका पाकिस्‍तान इस बार भी उन्‍हीं मुद्दों के साथ उतर रहा है, जिसमें उसको अब तक पराजय ही हाथ लगी है।1- हाउडी मोदी मेगा शाे: अम‍ेरिका की धरती पर अमेरिकियों से लिया समर्थनहाउडी मोदी में प्रधानमंत्री ने आतंकवाद और कश्‍मीर मसले को जोड़कर जिस तरह से अमेरिका की जमीन पर रखा वह भारत की अब तक की सबसे बड़ी कूटनीतिक जीत थी। मोदी के इस मेगा शो से पाकिस्‍तान वहां पूरी तरह से चित हो गया। खास बात यह है कि इस मेगा शो में खुद अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप बैठे थे। पूरी अमेरिका की जनता मोदी को ध्‍यान से सुन रही थी। पाकिस्तान की यह तीसरी बड़ी राजनयिक पराजय थी। अब इस कड़ी में संयुक्‍त राष्‍ट्र की इस बैठक में पराजय की अंतिम पटकथा लिखी जानी है। भारत ने कश्‍मीर और आतंकवाद का मुद्दा उठाकर पहले यह संदेश दे दिया है कि वह इस मामले में पाकिस्‍तान को छोड़ने वाले नहीं हैं।2- पुलवामा आतंकी हमला: अपने ही बुने जाल में फंसा पाकपुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्‍तान को इस बात का इल्‍म नहीं था कि यह दांव उसके लिए उलटा पड़ेगा। भारत की सधी विदश नीति के आगे पाकिस्‍तान को पस्‍त होना पड़ा। भारत अंतरराष्‍ट्रीय जगत में खासकर अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी मुल्‍कों में यह साबित करने में सफल रहा कि भारत में आतंकवाद पाकिस्‍तान प्रायोजित है। पाकिस्‍तान के अंदर घुसकर आतंकी कैंपों पर हमला करने की कार्रवाई को दुनिया ने उचित माना। कार्रवाई के पहले और बाद में भारत की राजनयिक पहल रंग लाई और दुनिया ने इस कार्रवाई को उचित ठहराया। भारत यह स्‍थापित करने में सफल रहा कि आत्‍मरक्षा के लिए उठाया गया कदम किसी अंतरराष्‍ट्रीय कानून का उल्‍लंघन नहीं करता है। भारत की कूटनीति जीत का ही परिणाम था कि पाकिस्‍तान को मिग-21 के विंग कमांडर अभिन्‍ंदन को 24 घंटे के अंदर छोड़ने पर विवश होना पड़ा था।3- अनुच्‍छेद 370: रंग लाई भारत की विदेश नीतिआजादी के बाद से कश्‍मीर का राग अलापने वाले पाकिस्‍तान के लिए यह बड़ा सदमा था। मोदी सरकार ने जब कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को समाप्‍त किया तब पाकिस्‍तान को लगा था कि इस मामले में वह भारत को परास्‍त कर देगा। लेकिन एक बार फ‍िर मोदी सरकार की सधी विदेश नीति के आगे पाकिस्‍तान की एक नहीं चली। इस बार भी दुनिया के समक्ष भारत यह स्‍थापित करने में सफल रहा कि वह उसका आंतरिक मामला है। पाकिस्‍तान कश्‍मीर को अंतरराष्‍ट्रीय मुद्दा बनाने में विफल रहा। दुनिया ने भारत के दृष्टिकोण का समर्थन‍ किया और पाकिस्‍तान की अंतरराष्‍ट्रीय जगत में छिछालेदर हुई।तब से वह कश्‍मीर मामले को लेकर अलग-अलग देशों से समर्थन हासिल करने में जुटा है, लेकिन उसका कोई साथ नहीं दे रहा है। यहां तक की चीन ने भी इसको द्विपक्षीय मामला कहकर अपना पल्‍ला झाड़ लिया। अब वह इस मामले को संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 74वें सत्र में उठाने की कोशिश करेगा। लेकिन वह भूल रहा है कि इस संगठन में भी वही सदस्‍य देश हैं, जिन्‍होंने भारत के रूख का समर्थन किया है।भारत ने साफ किया रूखहालांकि, इस वार में भारत ने पहले ही अपना रुख साफ कर दिया है कि वह द्विपक्षीय नहीं बल्कि अंतरराष्‍ट्रीय मुददों को ही उठाएगा। विकास, क्षेत्रीय चुनौतियों, शांति, सुरक्षा और आतंकवाद जैसे भारत के अहम मुद्दे हैं। इन मुद्दों में पाकिस्‍तान फंसता नजर आ रहा है। भारत की इस रणनीति का पाकिस्‍तान के पास कोई काट नहीं है। टास हो चुका है। पहला 15 मिनट भारत का है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद का भाषण होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीमा पार से आतंकवाद को लेकर पाकिस्‍तान को वैश्विक मंच से चेतावनी दे सकते हैं। शांति और आतंकवाद के मुद्दे को लेकर पाकिस्‍तान दुविधा में है।Posted By: Ramesh Mishraअब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Source: Dainik Jagran September 27, 2019 05:38 UTC



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