Dainik Bhaskar Jun 16, 2019, 12:00 PM ISTजिला सहकारी केंद्रीय बैंक की 1991 में हुई कर्जमाफी की लेनदारी आज भी बाकीबैंक ने सरकार के नाम बकाया दर्ज कर रखी है यह राशिरतलाम. सीएम कमलनाथ के पहले वर्ष 1991 में भाजपा की पटवा सरकार भी किसानों की कर्जमाफी कर चुकी है। उस दौरान जिले के 30 हजार से ज्यादा किसानों का कर्ज माफ हुआ था। सरकार के आदेश पर इस बार की तरह उस दौरान भी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने किसानों का कर्जा माफ कर दिया था, लेकिन सहकारी बैंक को अब तक कर्जमाफी के पांच करोड़ रुपए नहीं मिल पाए हैं।28 साल बाद आज भी बैंक ने यह राशि शासन के नाम पर लेनदारी के रूप में चढ़ा रखी है। अब कमलनाथ सरकार के आदेश पर बैंक ने फिर किसानों का 221 करोड़ रुपए का कर्जा माफ कर दिया है। इसमें से बैंक को अब तक महज 61 करोड़ ही शासन से मिले हैं।बैंक की राज्य सरकार पर 160 करोड़ रुपए की लेनदारी अब भी बाकी है। इससे बैंक ने यह राशि भी पटवा सरकार की तरह ही कमलनाथ सरकार पर शासन की लेनदारी में दर्ज कर रखी है। जैसे ही राशि मिलेगी शासन से लेनदारी हटाकर समायोजित कर ली जाएगी। बैंक का कहना है कि जुलाई में फिर से दूसरे दौर की कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे राशि मिल जाएगी।शासन के नाम दर्ज कर रखा है बकायाजिला सहकारी केंद्रीय बैंक के महाप्रबंधक पी. धनवाल ने बताया पिछली कर्जमाफी का करीब 5 करोड़ रुपए बाकी है। इससे शासन के नामे चढ़ा रखा है। इस बार अब तक 61 करोड़ रुपए की राशि सरकार से मिल गई है। शेष राशि भी जल्द मिलने की उम्मीद है।ऐसे तो बैंकों की माली हालत खराब हो जाएगीलीड बैंक के पूर्व मैनेजर हिम्मत गेलड़ा ने बताया सरकार के आदेश पर बैंकें कर्जमाफी करती है। उन्हें सरकार पर भरोसा रहता है कि सरकार उनके अकाउंट में राशि डाल देगी। लेकिन राशि नहीं मिलती है तो बैंक की साख खराब होती है और धीरे-धीरे बैंकें बंद हो जाती है।बैंक की कर्जमाफी एक नजर में
Source: Dainik Bhaskar June 16, 2019 06:22 UTC