अमेरिका / भारतीय इंजीनियर को एच-1बी वीजा जारी नहीं करने पर आईटी फर्म ने सरकार पर केस किया - News Summed Up

अमेरिका / भारतीय इंजीनियर को एच-1बी वीजा जारी नहीं करने पर आईटी फर्म ने सरकार पर केस किया


Dainik Bhaskar May 17, 2019, 03:32 PM ISTसिलिकॉन वैली की फर्म का दावा- यूएस सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज का फैसला गलतएक्सटेरा सॉल्यूशन ने भारतीय इंजीनियर को बिजनेस सिस्टम एनालिस्ट के तौर पर कंपनी में रखा थावॉशिंगटन. भारतीय इंजीनियर को एच-1बी वीजा जारी नहीं करने पर सिलिकॉन वैली की आईटी फर्म एक्सटेरा सॉल्यूशन ने अमेरिकी सरकार पर केस किया है। भारतीय इंजीनियर प्रकाश चंद्र साई को बिजनेस सिस्टम एनालिस्ट के तौर पर कंपनी में रखा गया था। हालांकि, यूएस सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) ने उन्हें एच-1बी वीजा जारी नहीं किया। कंपनी का कहना है कि सरकार का फैसला गलत है।यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट नार्दर्न कैलिफोर्निया में अपीलएक्सटेरा सॉल्यूशन ने अपनी याचिका में कहा है कि भारतीय इंजीनियर को इस आधार पर वीजा देने से इनकार किया गया कि जो जॉब उन्हें दी जा रही है, वह एच-1बी वीजा जारी करने के लिए उपयुक्त नहीं है। कंपनी का कहना है कि यूएससीआईएस ने अपने फैसले को लेकर कोई ठोस तर्क नहीं दिए हैं। कंपनी ने यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट नार्दर्न कैलिफोर्निया से यूएससीआईएस के फैसले को खारिज करने की अपील की है।प्रकाश चंद्र एच-4 वीजा धारकप्रकाश चंद्र साई इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बी-टेक ग्रेजुएट हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास एट डलास से इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की है। उनके पास फिलहाल एच-4 वीजा है। एच-1बी वीजा जारी करने के लिए एच-4 वीजा धारक को वरीयता दी जाती है। 2014 से 16 तक उनके पास एफ-1 अप्रवासी स्टेटस रहा था। पढ़ाई करने के लिए अमेरिका आने वाले युवाओं को इसी श्रेणी में रखा जाता है।एच-1बी वीजा पॉलिसी में बदलाव का प्रस्तावट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने एच-1बी वीजा पॉलिसी में बदलाव का प्रस्ताव भेजा है। इसके तहत अमेरिकी कंपनियों में वही विदेशी कर्मचारी काम कर पाएंगे जो सर्वश्रेष्ठ होंगे। हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिका में नौकरी करने सिर्फ वे ही आ सकते हैं, जो योग्य हों और देश की मदद कर सकते हों। अमेरिका के 50 राज्यों में 100 भारतीय कंपनियां हैं। इनमें करीब 1 लाख 13 हजार लोग काम कर रहे हैं।भारतीय कंपनियों पर पड़ेगा असरट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के प्रस्ताव का सबसे ज्यादा असर अमेरिका में भारतीय आईटी कंपनियों पर पड़ेगा। ये कंपनियां एच-1बी वीजा के तहत कर्मचारियों को अमेरिका बुलाती हैं। बुधवार को अमेरिका के गृह विभाग और यूएस सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस (यूएससीआईएस) ने जनवरी 2019 के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। इसके मुताबिक, एच-1बी वीजा उन्हीं विदेशी कर्मचारियों को दिया जाएगा जो अपने काम में अव्वल रहे हैं।


Source: Dainik Bhaskar May 17, 2019 08:40 UTC



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