नई दिल्लीडोनाल्ड ट्रंप ने H1B वीजा के साथ-साथ L1 और अन्य अस्थाई के कामकाजी वीजा का सस्पेंशन फिलहाल इस साल के अंत तक के लिए आगे बढ़ा (H1B visa suspension extention) दिया है। यानी जिन आईटी वाले लोगों का H1B वीजा अप्रैल लॉटरी में अप्रूव हो गया था उन्हें भी अब आने की इजाजत नहीं होगी। ट्रंप के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर तो लोग उनके खिलाफ दिख ही रहे हैं, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने भी ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि इमिग्रेशन की वजह से अमेरिका को इतना फायदा हुआ है। इसकी वजह से वह ग्लोबल टेक लीडर बना, लेकिन इस ऑर्डर से वह निराश हैं। तो सवाल ये है कि इस घोषणा का लोगों पर क्या असर होगा।लॉटरी में अप्रूव, लेकिन नहीं होगी जाने की इजाजत डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा की वजह से जिन आईटी वाले लोगों का H1B वीजा अप्रैल लॉटरी में अप्रूव हो गया था, उन्हें भी अब आने की इजाजत नहीं होगी। यानी एक घोषणा ने इन लोगों को दुखी करने का काम किया है।अमेरिकी लोगों ने लिए बढ़ेंगे रोजगार के मौके डोनाल्ड ट्रंप की इस घोषणा पर अमेरिकी सरकार का कहना है कि इन वीजा पर लगी अस्थाई रोक की वजह से अमेरिका में 5.25 लाख नौकरियों की जगह खाली रहेगी। यानी अमेरिकी सरकार का ये फैसला अस्थाई रूप से रोजगार पैदा करेगा।किस पर नहीं होगा कोई असर? अगर आप उन लोगों में से हैं, जिनके पास पहले से ही यूएस वीजा है, तो आपको जरा भी डरने की जरूरत नहीं है। ट्रंप के इस ताजा फैसले का असर उन पर नहीं होगा, जिनके पास पहले से यूएस का वीजा है।क्या है ये H1B वीजा प्रोग्राम? इस वीजा के तहत हाई स्किल वाले वर्कर्स को अमेरिका में काम करने की इजाजत मिलती है। इस वीजा के तहत कंपनियों को ये फायदा मिलता है कि वह विदेशी लोगों को अपने यहां नौकरी पर रख सकते हैं। सबसे अधिक इसका फायदा भारतीय लोगों को ही मिलता है, जिसके चलते ट्रंप की घोषणा का सबसे अधिक असर भारतीयों पर ही हो रहा है। बता दें कि अमेरिका की ओर से सालाना करीब 85000 ये वीजा दिए जाते हैं, जिसमें से 70 फीसदी सिर्फ भारतीयों को ही मिलते हैं।
Source: Navbharat Times June 23, 2020 06:45 UTC