बाइडन ने पिछले सप्ताह संसद में अपने पहले संबोधन में उत्तर कोरिया और ईरान के परमाणु कार्यक्रमों को ‘‘अमेरिकी और विश्व की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा’’ बताया था और कहा था कि अमेरिका कूटनीति एवं कड़े कदमों के जरिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इन समस्याओं से निपटेगा।उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी क्वोन जोंग गुन ने एक बयान में कहा, ‘‘उनका (बाइडन का) यह बयान स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वह उत्तर कोरिया को लेकर शत्रुतापूर्ण नीति कायम रखना चाहते हैं, जैसा कि आधी सदी से अधिक समय से अमेरिका करता आया है।’’क्वोन ने कहा, ‘‘यह तय है कि अमेरिकी मुख्य कार्यकारी ने मौजूदा परिदृश्य में भूल की है।’’उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका की उत्तर कोरिया के प्रति नीति अब स्पष्ट हो गई है, तो हम भी उसी के अनुरूप कार्रवाई करेंगे और समय के साथ अमेरिका को पता चलेगा कि वह बहुत गंभीर स्थिति में है।’’क्वोन ने यह नहीं बताया कि उत्तर कोरिया क्या कदम उठाएगा और उनके बयान को उत्तर कोरिया नीति को आकार दे रहे बाइडन प्रशासन पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा सकता है।एपी सिम्मी मनीषामनीषा
Source: Navbharat Times May 02, 2021 04:18 UTC