क्रेडिट कार्ड से लोन लेना फायदे का सौदा या नुकसान की वजह? देखें वीडियो क्रेडिट कार्ड से लोन लेना फायदे का सौदा या नुकसान की वजह? क्या है स्कीम का नियम दरअसल नियम यह है कि सुकन्या समृद्धि स्कीम केवल दो बच्चियों तक सीमित है लेकिन अगर किसी की जुड़वां बच्चियां हैं तो खाता तीन बच्चियों तक के लिए खुलवाया जा सकता है। अगर किसी की पहले से एक बच्ची है और बाद में जुड़वां बच्चियां हुईं तो तीनों बच्चियों के लिए अभिभावक सुकन्या समृद्धि खाता खोल सकते हैं। इसी तरह अगर किसी को एक ही बार में तीन बच्चियां हुईं हैं तो भी यह नियम लागू होगा, हालांकि इन मामलों में जुड़वां बच्चे होने का प्रमाण देना होगा।250 रु में खुल जाता है खाता सुकन्या समृद्धि खाते को मिनिमम 250 रुपये में खुलवाया जा सकता है और एक वित्त वर्ष में मिनिमम जमा 250 रुपये और मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये तय की गई है। बच्ची की ओर से उसके मूल या कानूनी अभिभावक सुकन्या समृद्धि खाता खोल सकते हैं। इसका अर्थ है कि अगर किसी ने बच्ची को गोद लिया है तो वह भी उसके लिए सुकन्या समृद्धि अकाउंट खुलवा सकता है।खाता कब होता है मैच्योर सुकन्या समृद्धि खाते में खाता खुलवाने की तारीख से लेकर अधिकतम 14 वर्ष तक या बच्ची के 21 वर्ष के हो जाने तक पैसा जमा कर सकते हैं। बच्ची के 21 वर्ष पूरे होने पर या फिर बच्ची की शादी होने पर स्कीम परिपक्व हो जाती है। 14 वर्ष वाली अवधि पहले ही पूरी हो जाने पर परिपक्वता तक उस समय की तय ब्याज दर के हिसाब से खाते में पैसा जुड़ता रहता है।इन कंडीशन में वक्त से पहले निकाल सकते हैं पैसा बच्ची के जमाकर्ता अभिभावक की मृत्यु होने पर या फिर किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए सुकन्या समृद्धि खाते को समय से पहले बंद कराकर पैसा निकाला जा सकता है। वैसे तो इस योजना में बच्ची के 21 वर्ष का हो जाने के बाद ही पूरा पैसा मिलता है। लेकिन बच्ची के 18 साल का होने के बाद उच्च शिक्षा या विवाह के लिए पिछले वित्त वर्ष की समाप्ति पर खाते में मौजूद बैलेंस का 50ः तक निकाला जा सकता है।
Source: Navbharat Times February 11, 2021 11:32 UTC