ram mandir trust: अयोध्या: 16 वर्षों में पहली बार निरीक्षण में शामिल नहीं हुआ एक भी पक्षकार - ayodhya no litigant attended inspection from asi and judges firsttime in 16 years - News Summed Up

ram mandir trust: अयोध्या: 16 वर्षों में पहली बार निरीक्षण में शामिल नहीं हुआ एक भी पक्षकार - ayodhya no litigant attended inspection from asi and judges firsttime in 16 years


फाइल फोटोहाइलाइट्स अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि न्यास के पक्ष में सुनाया था फैसलाअधिग्रहीत क्षेत्र में रविवार को एएसआई निरीक्षण के दौरान कोई पक्षकार नहीं पहुंचा16 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है, हर महीने के दूसरे रविवार को होता है निरीक्षण9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद तेजी से बदली हैं परिस्थितियांअयोध्या केस: सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 खास बातेंअयोध्या के अधिग्रहीत क्षेत्र में रविवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम व दो जजों ने विवादित स्थल में हुए उत्खनन कार्यों का निरीक्षण किया। यह पहला मौका था जब बीते 16 वर्षों से शामिल हो रहे हिंदू व मुस्लिम पक्षकार निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचे।12 मार्च 2003 को न्यायालय के निर्देश पर एएसआई की टीम ने हिंदू व मुस्लिम पक्षकारों के साथ नामित दो जजों की देखरेख में विवादित स्थल के इर्द-गिर्द उत्खनन का कार्य शुरू किया था। कई महीनों तक चले उत्खनन के दौरान मिली ऐतिहासिक सामग्री को सुरक्षित रखवा दिया गया था। इसके साथ ही और खोदे गए गड्ढों को पाटकर उनकी निशानदेही कर दी गई थी। एएसआई द्वारा न्यायालय में उत्खनन की रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद कोर्ट के निर्देश पर प्रत्येक माह के दूसरे रविवार को एएसआई और दो जजों के साथ हिंदू व मुस्लिम पक्षकार और उनके वकील निरीक्षण करते रहे।यह क्रम बीते 16 वर्षो से जारी रहा। 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद स्थितियां बदल गई हैं, इसीलिए यह पहला मौका है जब अधिग्रहीत स्थल में निरीक्षण के दौरान कोई भी पूर्व पक्षकार शामिल नहीं हुआ। अब जब केंद्र सरकार ट्रस्ट व उसके कार्य का स्वरूप तय करेगी, तब उसके अनुरूप नई व्यवस्थाएं लागू की जाएंगी।इस बीच निर्मोही अखाड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए वक्त मांगा है। निर्मोही अखाड़े के प्रवक्ता प्रभात सिंह ने जिलाधिकारी अनुज झा ज्ञापन सौंपते हुए यह मांग रखी गई है। इसके अलावा प्रधानमंत्री को ईमेल भी किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में पीएम मोदी से निर्मोही अखाड़े का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मिलना चाहता है। बताया जा रहा है कि राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल होने के लिए अखाड़े के प्रतिनिधि पीएम से मिलना चाहते हैं।सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में विवादित जमीन हिंदू पक्ष को सौंपने का आदेश दिया था। इसके साथ ही तीन महीने के अंदर मंदिर निर्माण के संबंध में ट्रस्ट बनाने का भी आदेश दिया था। कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े को राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल किए जाने के निर्देश दिए हैं।


Source: Navbharat Times November 18, 2019 06:52 UTC



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