आपने क्या गौर किया है कि जब आपको क्रोध आता है, तो आप क्रोध ही बन जाते हैं, अपने आपे में नहीं रहते। तब आप कुछ भी कर सकते हैं। किसी की हत्या तक, भले ही आपकी ऐसा करने की मंशा न हो। अगर आप साक्षी भाव रखने में अभ्यस्त हो जाएं, तो आप क्रोध में या किसी और प्रभाव में कभी अपना आपा नहीं खोएंगे। साक्षी भाव से तात्पर्य है कि हर क्षण सतर्क हैं और दिमाग में उठ रहे विचारों के साथ बह नहीं जा रहे। उन्हें सिर्फ देख रहे हैं।
Source: Navbharat Times July 21, 2019 03:00 UTC