बिहार की नीतीश सरकार ने बुजुर्ग माता-पिता की सामाजिक सुरक्षा के लिए एक अहम फैसला लिया है। सरकार एक कानून ला रही है जिसके तहत बुजुर्ग माता-पिता की सेवा करना बच्चों के लिए अनिवार्य होगा और ऐसा न करने पर उन्हें जेल भेजने का भी प्रावधान किया गया है। मंगलवार को नीतीश कुमार की अगुआई में राज्य की कैबिनेट ने इससे जुड़े कानून को मंजूरी दी। अब इस कानून के लागू होने के बाद अगर कोई माता-पिता अपने संतान की शिकायत करते हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि आज के बदले सामाजिक परिवेश में अपने बच्चों को परवरिश देने वाले माता-पिता को सामाजिक के साथ-साथ कानूनी संरक्ष्रण देना सरकार का भी कर्तव्य है। पूरे देश में बिहार संभवत: ऐसा पहला राज्य होगा जहां यह कानून लागू किया जा रहा है। बिहार सरकार के सूत्रों के अनुसार इस कानून को बनाने की पहल सर्वे रिपाेर्ट के बाद की गई जिसमें बूढ़े माता-पिता की बदतर हालत सामने आई थी।बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू के सीनियर नेता संजय झा ने इस मामले पर कहा कि बूढ़े माता-पिता को प्रश्रय हो या दहेज प्रथा या बाल विवाह के खिलाफ उठे कदम, यह बदले गर्वनेंस का हिस्सा है जिसमें सामाजिक सरोकार भी है। उन्होंने दावा किया कि बिहार में पहली बार सामाजिक आंदोलन की बुनियाद पड़ी है। वहीं, पार्टी के सीनियर नेता के सी त्यागी ने कहा कि राजनीतिक विमर्श का हिस्सा अगर सामाजिक सुधार बनता है तो सभी दलों और सरकार को इस गवर्नेंस मॉडल काे अपनाना चाहिए और पूरे देश में यह सामाजिक सुधार का एक रोल मॉडल बनेगा।हाल के दिनों में सामाजिक सुधार को राजनीति और गवर्नेंस की मुख्यधारा में शामिल करने का दांव नीतीश कुमार ने खेला है। इससे पहले नीतीश कुमार ने फैसला लिया था कि अगर बिहार में किसी शादी में बाल विवाह या दहेज लेने-देने जैसी घटना होती है तो उस शादी से जुड़े 'बैंड बाजा बारात' सभी को जेल के अंदर जाना होगा। बिहार में नीतीश सरकार ने पिछले साल गांधी जयंती के मौके पर दोनों सामाजिक कुप्रथाओं के खिलाफ अभियान की शुरुआत की थी।उस कानून में ऐसी शादी से जुड़े सभी लोगों को जेल भेजने का प्रावधान हो सकता है। शादी में वर-वधु पक्ष दोनों के अलावा इससे जुड़े सभी लोगों को कानूनी मुकदमों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे कानून के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि सामाजिक कुरीति के खिलाफ तब तक सफलता नहीं मिलेगी जब तक कि पूरे समाज से इसपर सपोर्ट न मिले।नीतीश कुमार ने जेडीयू के सभी कार्यकर्ताओं को शपथ दिलाया था कि की वे ऐसी किसी शादी में भाग नहीं लेंगे जिसमे दहेज लिया गया हो या दुलहन नाबालिग है। अगर कोई कार्यकर्ता ऐसी शादी में भाग लेने का दोषी पाया जाता है तो उसे तुरंत पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा। इससे पहले नीतीश कुमार ने शराबबंदी के खिलाफ भी कठोर बनाया था। इसके तहत अगर किसी गांव में शराब की दुकान पाई जाती है तो पूरे गांव पर दंड लगने या घर में शराब मिलने पर सभी बालिग सदस्यों पर कानूनी कार्रवाई करने का कठोर प्रावधान था। हालांकि बाद में इस कानून को नरम किया गया था।
Source: Navbharat Times June 11, 2019 15:44 UTC