हैदराबाद पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय किडनी रैकिट का खुलासा किया है। इस मामले में रचकोंडा पुलिस ने नोएडा और दिल्ली के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि यह रैकिट पूरे देश से लगभग 40 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में ले जाकर किडनी बेच चुका है।इस रैकिट का खुलासा तब हुआ जब हैदराबाद के एक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उस व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसे तुर्की के एक अस्पताल में ले जाकर किडनी बिकवाई गई। उसे एक किडनी के बदले 20 लाख रुपये देने का वादा किया गया, लेकिन किडनी देने के बाद भी उसे तय रकम नहीं दी गई।पुलिस के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि तुर्की, इजिप्ट और श्रीलंका के अस्पतालों में यह रैकिट किडनी सप्लाई करवाता था। पुलिस का यह भी दावा है कि इस रैकिट का किंगपिन अंबरीश प्रताप के चीन, इरान और वियतनाम के अस्पातलों से भी संपर्क हैं, क्योंकि उसके पासपोर्ट में इन देशों के दौरे किया जाना भी दर्शाया गया है। पकड़े गए तीन आरोपियों में से अंबरीश नोएडा, संदीप कुमार उर्फ रोहन मलिक और रितिका जायसवाल नई दिल्ली के रहने वाले हैं। तीनों को चार दिन पहले गिरफ्तार किया गया था, लेकिन सोमवार को उन्हें हैदराबाद लाया गया।पुलिस ने बताया कि अंबरीश के कई बड़े लोगों के साथ संपर्क हैं। उसके साथ कई बड़े डॉक्टर्स, डायग्नॉस्टिक सेंटर्स, सरकारी अधिकारी और ब्रोकर जुड़े हैं। ये लोग सोशल मीडिया के जरिए लोगों को किडनी बेचने के लिए फंसाते थे। अंबरीश ऐसे जरूरतमंद मरीजों की तलाश करता था जो किडनी के बदले 50 लाख से एक करोड़ रुपये खर्च कर सकते थे। वे लोग किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लोगों को पश्चिमी देशों में ले जाते थे।पुलिस कमिश्नर महेश भागवत ने बताया कि उन्हें 5 फरवरी को इस मामले की शिकायत मिली थी। पीड़ित ने बताया कि फेसबुक पर उसने एक पोस्ट देखी, जिसमें लिखा था कि भारत में किडनी की आवश्यकता है। यह पोस्ट रोहन मलिक की थी। पीड़ित ने दिए गए नंबर पर रोहन से संपर्क किया। रोहन ने कहा कि किडनी के बदले उसे एक बड़ी रकम मिलेगी। यहां तक कि उसे विदेश ले जाने और लाने का पूरा खर्चा भी जरूरतमंद ही उठाएगा। पीड़ित को रुपयों की जरूरत थी, इसलिए वह 20 लाख रुपये में किडनी बेचने के लिए राजी हो गया।पीड़ित दिल्ली गया जहां रोहन ने उसे नोएडा के एक बड़े होटेल में ठहराया। यहां पीड़ित सात दिनों तक रहा। इस दौरान उसकी कई जांचे हुईं। रोहन ने पीड़िता का पासपोर्ट ले लिया और उसे वापस हैदराबाद भेज दिया। 11 अगस्त को रोहन ने पीड़ित को बताया कि उसे तुर्की जाना है। उसे दिल्ली में डॉ. रितिका सिंह से मिलवाया गया। रितिका ने पीड़ित को गगन अग्रवाल नाम के मरीज से मिलवाया।पीड़ित के फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर उसे तुर्की भेजा गया। यहां पर किडनी ट्रांसप्लांट हुआ और फिर सर्जरी सफल होने के बाद पीड़ित को भारत वापस भेज दिया गया। उसे जो रकम देने का वादा किया गया था, वह नहीं दी गई। पीड़ित का आरोप है कि अंबरीश ने उसा पासपोर्ट भी रख लिया और उसे धमकी भी दी।
Source: Navbharat Times April 02, 2019 06:11 UTC