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jaipur News: अलवर गैंगरेप: पुलिस की संवेदनहीनता से आजिज आकर परिवार ने खुद की केस की पड़ताल - apathy of madhya pradesh police leaves family in shock in alwar gangrape case


पुलिस के खिलाफ सड़कों पर लोगअलवर: महिला से 3 घंटे लगातार 5 लोगों ने की दरिंदगीXराजस्थान के अलवर गैंगरेप केस में पीड़िता और उसके परिवार के साथ पुलिस की चौंकाने वाली संवेदनहीनता सामने आई है। 26 अप्रैल को हुई घटना पर पुलिस ने पांच दिन तक शिकायत दर्ज नहीं की। यही नहीं 1 मई को जब 20 साल की पीड़िता का परिवार अलवर एसपी राजीव पचार के कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज करने की गुहार लगा रहा था, उस समय महिला के पति के फोन पर लगातार एक आरोपी से उगाही की कॉल आ रही थी। इसके बाद भी पुलिस ने कोई ऐक्शन नहीं लिया। यह देखकर परिवार को अपने स्तर पर मामले की जांच करनी पड़ी और आरोपी के नाम पुलिस को बताए। मामले में अब तक 4 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।एसपी पर आरोप है कि उन्होंने उन फोन कॉल के आधार पर बलात्कारियों और वसूली करने वालों को ट्रैक नहीं किया। इसी के चलते उन्हें एपीओ (प्रतीक्षा सूची में डालना) कर दिया गया है। पीड़िता के पिता ने कहा कि 26 अप्रैल को गैंगरेप के बाद भी पीड़िता की परीक्षा कम नहीं हुई बल्कि पुलिसकर्मियों की संवेदनहीनता के चलते और बढ़ गई।महिला के पिता ने कहा, 'हम 30 अप्रैल को अपनी शिकायत दर्ज कराने एसएचओ थानगाजी पुलिस स्टेशन गए लेकिन हमें वहां झूठा दिलासा देकर वापस भेज दिया गया कि पुलिस ने उन आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमें बनाई हैं जिन्होंने मेरी बेटी के साथ बर्बरता की और दामाद की बुरी तरह पिटाई की।'पीड़ित परिवार ने बताया, 'अगले दिन हम अलवर एसपी राजीव पचार के पास गए और उन्होंने भी हमारी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया जबकि एक आरोपी उस वक्त लगातार कॉल भी कर रहा था। पुलिस अधिकारी एक ही रट लगाए थे कि वे जल्द ही आरोपियों को पकड़ लेंगे और हमें सलाह दे रहे थे कि घटना के बारे में किसी को न बताएं।' जबकि एसपी ने दावा किया कि उन्होंने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया।सफाई देते हुए एसपी ने कहा, 'मैंने तुरंत ही साइबर सेल को अलर्ट किया ताकि आरोपी ने जो विडियो बनाए थे वे सर्क्युलेट न किए जाए और उनसे मोबाइल फोन को भी ट्रैक करने को कहा जिससे शिकायतकर्ता को कॉल आ रही थी।' पीड़िता के परिवार ने अस्पताल पर भी लापरवाही के आरोप लगाए। पीड़िता के पिता ने कहा कि महिला मेडिकल स्टाफ की कमी की वजह से उनकी बेटी की मेडिकल जांच में भी देरी हुई।महिला के पिता ने कहा, 'पुलिस अपराध की बर्बरता को समझ नहीं रही थी और थानागाजी में 2 मई को हमसे कहा गया कि अस्पताल में मेरी बेटी का मेडिकल टेस्ट करने के लिए कोई महिला स्टाफ भी नहीं है। मेरी बेटी को टेस्ट के लिए 3 मई को अलवर जाना पड़ा।' स्थानीय पुलिस का ढीला रवैया देखकर परिवार ने खुद से पड़ताल शुरू की और कुछ आरोपियों के नाम और पते पुलिस को मुहैया कराए लेकिन पुलिस ने उन्हें भी गंभीरता से नहीं लिया।पीड़िता के देवर ने बताया, 'अपने संपर्क के जरिए मैंने कुछ अपराधियों की पहचान की और पुलिस को उनकी जानकारी भी दी लेकिन वे हाथ पर हाथ धरे बैठे ही रहे। 30 अप्रैल तक पांचों आरोपी खुलेआम घूमते रहे और फिर फरार हो गए। यहां तक कि इसके बाद भी पुलिस उनके परिवार से पूछताछ कर सकती थी लेकिन कुछ नहीं किया।'पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने पूरी जांच में इतनी ढिलाई बरती और उसी का नतीजा था कि इतने घिनौने अपराध को अंजाम देने के बाद भी आरोपी खुलेआम घूमते रहे। राज्यभर में मामले के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए लेकिन पुलिस की कार्रवाई में कोई तेजी नहीं आई। जब पीड़िता बुधवार को मैजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराने पहुंची तो पुलिसकर्मी कुछ बेहद जरूरी कागजात लाना भूल गए, इस वजह से पीड़िता को गुरुवार को दोबारा बयान दर्ज कराने जाना पड़ेगा। परिवार न्याय की आस में इधर-उधर भटक रहा है।उधर पुलिस ने मामले में बुधवार को 2 और लोगों को गिरफ्तार किया। मामले में अब तक 4 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिनके खिलाफ पति के सामने दलित महिला का गैंगरेप करने का आरोप है। आरोपियों ने गैंगरेप की क्लिप सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी थी। बुधवार को गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अशोक और हमेश गुर्जर के रूप में हुई है। दोनों ट्रक ड्राइवर हैं। दोनों उन 5 आरोपियों में से हैं जिन्होंने महिला के साथ रेप किया था। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।इस बीच प्रदेश सरकार ने पीड़िता के परिवार को 4.12 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की। पीड़िता के पिता का कहना है, 'यह गिरफ्तारी और पहले हो सकती थी लेकिन पुलिस अब बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए 48 घंटे का वक्त मांग रही है। हम कब तक इंतजार करें?'


Source: Navbharat Times May 09, 2019 03:45 UTC



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