चाइनीज टेक कंपनी हुवावे पर अमेरिका की ट्रम्प सरकार की ओर से लगाए गए बैन के बाद कंपनी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दरअसल, इस बैन के चलते हुवावे अमेरिका में बने पार्ट्स या सर्विसेज अपने प्रॉडक्ट्स में इस्तेमाल नहीं कर सकता। इस सप्ताह हुवावे ने माना है कि बैन के चलते उसे अपना एक लैपटॉप लॉन्च रोकना पड़ा है। कंपनी स्मार्टफोन्स के अलावा कई प्रॉडक्ट्स बनाती है और इसमें लैपटॉप रेंज भी शामिल है।हुवावे कंज्यूमर बिजनस के सीईओ रिचर्ड यू ने एक बिजनस चैनल से बात करते हुए कहा, 'हम पीसी सप्लाई नहीं कर सकते हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले के जानकार सूत्रों के मुताबिक, जानकारी सामने आई है कि कंपनी अपने नए विंडोज लैपटॉप को शंघाई में होने वाले सीईएस एशिया 2019 ट्रेड शो में लॉन्च करने वाली थी। अमेरिका की ओर से लगाए बैन की वजह से कंपनी को अपना यह लैपटॉप लॉन्च रोकना पड़ा है।अमेरिका की ओर से लगाए गए बैन की वजह से हुवावे न तो माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल कर सकता है और न ही इंटेल के प्रोसेसर अपने लैपटॉप में दे सकता है। ऐसे में लैपटॉप की सप्लाई संभव ही नहीं है क्योंकि यही दोनों लैपटॉप का बेस होते हैं। बिना प्रोसेसर और ऑपरेटिंग सिस्टम के लैपटॉप का मास प्रोडक्शन हुवावे नहीं कर सकता। हुवावे को अमेरिका ने ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है, ऐसे में बिना परमिशन लिए हुवावे अमेरिका की कंपनियों से बिजनस नहीं कर सकता।हुवावे अब अपने स्मार्टफोन्स में ऐंड्रॉयड ओएस भी नहीं दे सकता। गूगल ने इसको लेकर अमेरिका की सरकार से मतभेद जताए हैं। फिलहाल हुवावे गूगल के ऐप्स भी इस्तेमाल नहीं कर सकता। इस चुनौती से निपटने के लिए हुवावे अपना खुद का ऑपरेटिंग सिस्टम डिवेलप कर सकता है। हुवावे आने वाले वक्त में ये लैपटॉप लॉन्च करेगा या नहीं, इसपर यू ने कहा, 'यह इस बात पर निर्भर करता है कि कंपनी कब तक ब्लैक लिस्ट में रहेगी।'
Source: Navbharat Times June 13, 2019 04:31 UTC