हार्ट अटैक से बचाएगा 'च' का यह फॉर्म्युलाXकैंसर और हार्ट अटैक से बचाता है प्याज, ये हैं और फायदेXआज हार्ट अटैक और दिल से संबंधित बीमारियों में दिनोंदिन वृद्धि होती जा रही है। हार्ट संबंधी बीमारियां महिलाओं, पुरुषों और बुजुर्गों के अलावा युवाओं तक में फैल गईं हैं। हार्ट अटैक के बाद शरीर में काफी बदलाव आते हैं, और ये बदलाव ऐसे हैं जो आपकी चिंता और बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में:हार्ट अटैक के बाद पहले 28 दिन यानी पहला 1 महीना बेहद ज़रूरी होता है। जिन लोगों को हार्ट अटैक होता है, ठीक होने के बाद उनमें हार्ट फेल और दिल संबंधी अन्य बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है। इसलिए ज़रूरी है हमेशा डॉक्टर के टच में रहें और डिस्चार्ज होने के बाद भी ट्रीटमेंट बंद न हो।हार्ट अटैक से उबरने के बाद सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि आप यह समझें कि हार्ट अटैक हुआ क्यों? इसके लिए ज़रूरी है कि आप थोड़ा-सा पीछे मुड़ें और उन वजहों और चीज़ों पर गौर करें, जिनकी वजह से दिल की बीमारी हुई। यह बात उन लोगों के मामले में थोड़ी ज़्यादा गंभीर हो जाती है, जो कम उम्र में ही हार्ट अटैक का शिकार हो जाते हैं। इसके लिए ज़रूरी है कि डॉक्टर से विस्तृत चर्चा की जाए और सलाह ली जाए कि कैसे स्ट्रेस के बिना लाइफ जी जाए।हार्ट अटैक से उबरने के बाद भले ही एक नॉर्मल लाइफ जीने की कोशिश की जाए, लेकिन यह भी सच है कि मानसिक तौर पर चिंता काफी बढ़ जाती है। दिमाग में बार-बार यही चलता रहता है कि आखिर हार्ट अटैक हुआ क्यों? कहीं यह फिर से तो नहीं होगा? नित्यानंद त्रिपाठी की मानें तो भारतीय युवाओं में हृदयाघात यानी हार्ट अटैक की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है और यदि इस समस्या पर रोक के उपाय नहीं किए गए तो यह महामारी का रूप अख्तियार कर सकती है। इसे रोकने का एकमात्र तरीका लोगों को शिक्षित करना है, वरना 2020 तक सबसे अधिक मौत हृदय रोग के कारण ही होगी। डॉ. त्रिपाठी ने कहा, ‘दिल के दौरे का संबंध पहले बढ़ती उम्र के साथ माना जाता था। लेकिन अब आधुनिक जीवन के बढ़ते तनाव, अपर्याप्त नींद, धूम्रपान और आराम तलब जीवनशैली ने युवाओं में दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ा दिया है।बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट और डायरेक्टर, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.
Source: Navbharat Times February 09, 2019 03:44 UTC