economic survey 2019: आर्थिक सर्वे में ईमानदार टैक्सपेयर्स को सम्मानित करने, राजनयिकों जैसी छूट देने का सुझाव - economic survey suggest many social privileges for taxpayers - News Summed Up

economic survey 2019: आर्थिक सर्वे में ईमानदार टैक्सपेयर्स को सम्मानित करने, राजनयिकों जैसी छूट देने का सुझाव - economic survey suggest many social privileges for taxpayers


ईमानदार करदाताओं को राजनयिकों के जैसा सम्मान या फिर उनके नाम पर किसी सड़क का नामकरण हो तो कैसा होगा? आर्थिक सर्वे में देश के ईमानदार टैक्स चुकानेवालों को सम्मानित करने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं। देश में अधिक से अधिक लोगों को टैक्स चुकाने की आदत को बढ़ावा देने के लिए ऐसे कुछ कदम उठाने की सिफारिश आर्थिक सर्वे में दिया गया है।आर्थिक सर्वे में दिए सुझाव के अनुसार, 'आम तौर पर यह देखा गया है कि नागरिक अपने सोशल स्टेट्स को दिखाने के लिए बहुत महंगी चीजों की खरीदारी करते हैं। इसे ही देखते हुए हर शहर के 10 सबसे अधिक टैक्स चुकानेवालों को सम्मानित किया जा सकता है।' इसके लिए कुछ खास सुझाव भी दिए गए हैं जैसे...1. ईमानदार टैक्स चुकानेवालों को एयरपोर्ट पर बोर्डिंग के दौरान कुछ खास सुविधाएं दी जा सकती हैं। सड़कों पर फर्स्ट लेन में चलने की सुविधा या रोड और टोल बूथ पर ऐसी कुछ विशेष छूट और इतना ही नहीं राजनयिकों की तरह इमिग्रेशन काउंटर पर विशेष लाइन में खड़े होने की छूट जैसे सुझाव दिए गए हैं।2) सर्वे में सुझाव दिया गया है कि एक दशक में सर्वाधिक टैक्स देनेवाले करदाता के नाम पर किसी महत्वपूर्ण बिल्डिंग, स्मारक, सड़क, ट्रेन अस्पताल, यूनिवर्सिटी या एयरपोर्ट का नामकरण किया जा सकता है।3) इसी तरह से ईमानदार और बड़ी मात्रा में टैक्स चुकानेवालों के लिए खास क्लब बनाने का सुझाव भी दिया गया है। आर्थिक सर्वे में सुझाव दिया गया है कि इस तरह के क्लब की सदस्यता कुछ खास लोगों को ही दी जाएगी। इस तरह के कदम से समाज में यह संदेश जाएगा कि ईमानदारी से टैक्स चुकानेवाले समाज में बहुत सम्मानित होते हैं।बता दें कि पूर्व में भी ऐसी खबर आई थी कि सरकार ईमानदारी से कर चुकानेवालों को सम्मानित करने के लिए कुछ खास कदम उठा सकती है। इसके लिए ऐसे करदाताओं को इंसेंटिव प्रोग्राम के जरिए कुछ खास रिवॉर्ड दिया जाए। बता दें कि इसके लिए पिछले साल सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) के तहत कमिटी भी गठित की गई थी।


Source: Navbharat Times July 04, 2019 09:25 UTC



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