ऐप के जरिए छोटे फनी विडियो बनाने की सुविधा देने वाली कंपनी टिक-टॉक ने भारत में अपने ऐप से 60 लाख से ज्यादा विडियो हटाए हैं। कंपनी का कहना है कि प्लैटफॉर्म से पिछले साल जुलाई से अब तब उसके कम्युनिटी रूल्स का उल्लंघन करने वाले विडियो हटाए गए हैं। विवादों के चलते विडियो शेयरिंग प्लैटफॉर्म के ऐप को गूगल प्ले स्टोर और ऐपल आईस्टोर से हटा दिया गया है। यह कदम मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के बाद उठाया गया है।मद्रास हाई कोर्ट की ओर से केंद्र सरकार को टिक-टॉक ऐप के डाउनलोड्स रोकने के निर्देश दिए गए हैं। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ ऐप बनाने वाली कंपनी बाइटडांस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है, जिसपर अगली सुनवाई सोमवार को होगी। बता दें, एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने पाया कि ऐप पर पॉर्नोग्राफिक कंटेंट को बढ़ावा देने वाले और हिंसक विडियो पोस्ट किए जा रहे हैं, जिसके चलते बैन लगाया गया।टिक-टॉक ऐप ने प्लैटफॉर्म से 60 लाख से ज्यादा आपत्तिजनक विडियो हटाए हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा, 'यह टिक-टॉक के अपने यूजर्स को सुरक्षित और सहज महसूस कराने के प्रयासों का हिस्सा है। साथ ही टिक-टॉक कम्युनिटी के भीतर सही सोर्स देकर उन्हें मजबूत करने का भी प्रयास है।' इसके अलावा टिक-टॉक ऐप का उपयोग 13 वर्ष की आयु से ऊपर के बच्चे ही कर सकेंगे। कंपनी का कहना है कि यह अतिरिक्त सुरक्षा मानक है ताकि कम उम्र वाले यूजर्स इस ऐप का उपयोग न कर सकें।बता दें, मार्केट एनालिसिस फर्म सेंसर टॉवर ने बताया कि 2018 की पहली तिमाही में App Store और Google Play Store में TikTok दुनिया भर में तीसरा सबसे ज्यादा इंस्टॉल किया जाने वाला ऐप रहा। पिछली तिमाही में भी इसकी रैंकिंग इतनी ही थी। TikTok ने मार्च तिमाही में 18.8 करोड़ नए यूजर जोड़े, जिसमें भारत की हिस्सेदारी 8.86 करोड़ यूजर्स की रही। पिछले साल के डेटा के मुताबिक, ऐप के 50 करोड़ यूजर बेस में भारत की हिस्सेदारी 39 फीसदी से ज्यादा है।
Source: Navbharat Times April 21, 2019 04:35 UTC