साल्तिकोवा काफी रसूख वाली महिला था। शाही दरबार के ताकतवर सदस्यों तक उसकी पहुंच थी। यही वजह थी कि जब उसके खिलाफ शिकायत की गई तो शुरुआत में उसको अनसुना कर दिया गया। लेकिन जब पीड़ितों के परिवार ने काफी हंगामा मचाया और वहां की रानी के पास शिकायत ले गए तो रानी के आदेश के बाद साल्तिकोवा के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया। जांच में उसे 38 सेविकाओं की मौत का दोषी पाया गया। उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उसे एक अंधेरे कमरे में जंजीरों से बांधकर रखा गया। उसको कैद रखने के लिए एक लकड़ी का कमरा बनाया गया जिसमें खिड़की नहीं थी। 11 साल तक काल-कोठरी में बंद रहने के बाद 1779 में उसको एक मोनेस्ट्री की बिल्डिंग में ट्रांसफर किया गया। 27 नवंबर, 1801 को 71 साल की उम्र में उसकी मौत हो गई। (फोटो: साभार विकिमीडिया कॉमंस)
Source: Navbharat Times January 27, 2020 10:41 UTC