cyclone fani : तितली, ओखी और हुदहुद समेत इन 10 तूफानों ने भारत के समुद्र तटों पर मचाई थी तबाही - News Summed Up

cyclone fani : तितली, ओखी और हुदहुद समेत इन 10 तूफानों ने भारत के समुद्र तटों पर मचाई थी तबाही


cyclone fani : तितली, ओखी और हुदहुद समेत इन 10 तूफानों ने भारत के समुद्र तटों पर मचाई थी तबाहीनई दिल्ली, जेएनएन। चक्रवात फानी भयंकर तूफान में बदल रहा है। ओडिशा में लगातार बारिश और भूस्खलन से खतरा बढ़ता जा रहा है। 3.5 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। मौसम विभाग लगातार चेतावनी जारी कर रहा है। इन आशंकाओं के बीच भारत में आए 10 भयानक तूफानों के बारे में जान लेते हैं।2018 में तितली ः चक्रवाती तूफान तितली के चलते सिर्फ ओडिशा में पिछले साल 57 लोगाें की मौत हो गई थी। वहीं 2200 करोड़ रुपये की भी क्षति हुई थी।2017 में ओखी ः 29 नवंबर को आए इस तूफान में 365 लोगों की जान चली गई थी।2014 में हुदहुद ः इस तूफान के चलते 124 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। इससे पूर्वोत्तर भारत के कई इलाके और नेपाल प्रभावित हुआ था।2013 में फाइलिन ः 4 अक्टूबर शुरू हुए इस तूफान से बचाने के लिए 5.5 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया था। इसमें करीब 30 ने जान गंवा दीं। 42 अरब रुपये का नुकसान हुआ।2010 का जल चक्रवात ः ओडिशा और आंध्र प्रदेश में 54 लोगों की मौत हो गई थी।2011 का 'ठाणे चक्रवात ः इस चक्रवात ने तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को प्रभावित किया था।1999 का ओडिशा का सुपर साइक्लोन ः 28 अक्तूबर को आया यह तूफान देश का सबसे भयानक तूफान था। इसे 05B और पारादीप साइक्लोन के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 10 हजार लोगों की मौत हो गई थी।1990 का साइक्लोन ः 1990 में मछलीपट्टनम चक्रवात ने 950 से अधिक लोगों का जीवन छीन लिया।1988 का बीओबी05 : 20 मई को आए 01बी तूफान में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और पूर्वी बांग्लादेश में कम से कम 4 हजार मछुआरे लापता हो गए।1977 में आंध्र प्रदेश में आया भोला तूफान ः यह तूफान सबसे जानलेवा था। इसमें 50 हजार लोगों की मौत हो गई थी।पूर्वी तट पर ज्यादा तूफान आने के कारण ः1- पूर्वी तट की तुलना में भारत के पश्चिम तट का समंदर ठंडा है। गर्म सागर में ज्यादा तूफान आते हैं।2- बंगाल की खाड़ी में अरब सागर की तुलना में ज्यादा तूफान आते हैं। इसका कारण हवा का बहाव है।3- पश्चिमी तट पर बनने वाले ज्यादातर तूफान भी ओमान की ओर मुड़ जाते हैं। इसलिए यह भारतीय तटों की ओर नहीं बढ़ पाते हैं।4- पूर्वी तटों से लगने वाले राज्यों की भूमि भी ज्यादा समतल है, इसलिए यह तूफानों को मोड़ भी नहीं पाती है।5- जब एक विशेष तीव्रता का तूफान भारत के पूर्वी तट और बांग्लादेश से टकराता है तो इससे जो लहरें उठती हैं वो दुनिया में किसी भी हिस्से में तूफ़ान की वजह से उठने वाली लहरों के मुकाबले ऊंची होती हैं। इसके पीछे वजह है तटों की खास प्रकृति और समुद्र का छिछला तल।Posted By: Vineet Sharan


Source: Dainik Jagran May 03, 2019 06:22 UTC



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