10 साल पहले थीं 15 हजार नदियां, 70 साल पहले थे 30 लाख कुएं, लेकिन अब स्थिति जुदानीति आयोग के अनुसार 2030 तक देश के 40% लोगों की पहुंच पीने के पानी तक नहीं होगीअब फिर मानसून आ गया है, आज पानी सहेजा तो स्थिति बदलेगीDainik Bhaskar Jun 29, 2019, 11:45 PM ISTनई दिल्ली (शरद पाण्डेय). क्यूब=1000 लीटरसाफ पानी से इतने लोग दूर, टॉप 5 देशसर्वाधिक ग्राउंड वाटर नीचे जाने वाले राज्यराज्य कितने स्थानों पर राजस्थान 20% स्थान हरियाणा 20% स्थान गुजरात 12% से अधिक चंडीगढ़ 22% से अधिक मध्य प्रदेश 4% से अधिकसरकार का पानी पर बढ़ता खर्चपढ़िए देश के राज्यों में कैसी है पानी की स्थितिमध्यप्रदेश: बांधों में 90% से अधिक पानी खत्मभोपाल (अनिल गुप्ता). राजस्थान के शहरी इलाके में तालाब और बावड़ियों की संख्या 772 है। इनमें से 443 में तो पानी है, जबकि शेष 329 बावड़ियों, तालाब सूख चुके हैं या इन पर अतिक्रमण हो चुका है। राजस्थान में 11 प्रमुख नदियां हैं, जिन्हें पेयजल या सिंचाई के काम में उपयोग करते हैं। इनमें से ज्यादातर बरसाती नदियां हैं जो केवल बारिश के मौसम में ही बहती हैं। बारिश बाद ये सूख जाती हैं।उत्तरप्रदेश: 7 साल में 77 हजार कुएं सूखेलखनऊ (आदित्य तिवारी). उत्तर प्रदेश में 1 लाख 77 हजार कुएं हैं। जबकि केवल पिछले पांच साल में 77 हजार कुएं कम हुए हैं। सिंचाई विभाग के आकड़ों के अनुसार कुल तालाब/ पोखरों की संख्या 24,354 है। जिसमें 23,309 तालाब/पोखर भरे गए हैं। जबकि पिछले पांच साल में 1045 तालाब कम हुए हैं। यहां करीब 24 झीलें हैं, लेकिन पांच साल में 12 झीलें सूखकर खत्म हो चुकी हैं।बिहार: 4.5 लाख हैंडपम्प सूख गएपटना (शशि भूषण). लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अनुसार 4.5 लाख हैंडपंप (चापाकल) सूख चुके हैं। 8386 में से 1876 पंचायतों में ग्राउंड वाटर नीचे चला गया है। बिहार सरकार के मत्स्य निदेशालय के अनुसार 20 वर्ष पहले राज्य में सरकारी और निजी तालाबों की संख्या 2.5 लाख थी जो अब घटकर 98,401 हो गई है। यहां 150 छोटी-बड़ी नदियां हैं, लेकिन 48 सूख गई हैं।
Source: Dainik Bhaskar June 29, 2019 18:00 UTC