उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दिवाली से एक दिन पहले भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान एक साथ तीन लाख से ज्यादा दीये जलाने का विश्व रेकॉर्ड बना। साथ ही लेजर शो और भव्य सजावट ने लोगों को आकर्षित किया। कार्यक्रम में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई नई योजनाओं का भी ऐलान किया। तस्वीरों में देखें दीपोत्सव का विस्तृत वर्णन...अयोध्या का दीपोत्सव उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दिवाली से एक दिन पहले भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान एक साथ तीन लाख से ज्यादा दीये जलाने का विश्व रेकॉर्ड बना। साथ ही लेजर शो और भव्य सजावट ने लोगों को आकर्षित किया। कार्यक्रम में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई नई योजनाओं का भी ऐलान किया। तस्वीरों में देखें दीपोत्सव का विस्तृत वर्णन...दीपोत्सव से पहले अयोध्या में राम, सीता और लक्ष्मण हेलिकॉप्टर से आए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनका स्वागत किया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों की उपस्थिति में भगवान राम का राज्याभिषेक कियाा। इस दौरान प्रदेश सरकार के कई बड़े मंत्री और अन्य नेता भी मौजूद रहे।दीपोत्सव की मुख्य अतिथि दक्षिण कोरिया गणराज्य की प्रथम महिला किम जोंग-सुक थीं। उनके स्वागत के लिए सीएम योगी के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद रहे। दीपोत्सव के दौरान किम जोंग सुक साड़ी में नजर आईं।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। इस दौरान बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन, सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाईक, दोनों डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा, पर्यटन मंंत्री रीता बहुगुणा जोशी, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना समेत राज्य सरकार के तमाम मंत्री मौजूद रहे।अयोध्या सरयू नदी के तट पर बसा हुआ है। दीपोत्सव के दौरान सरयू नदी के तट पर 'राम की पैड़ी' को लाखों दीयों से सजाया गया।राम की पैड़ी के साथ-साथ अयोध्या में समूचे सरयू तट को दीपों के साथ-साथ लेजर लाइट से सजाया गया।अयोध्या के रामकथा पार्क में तमाम तरह की कलाकृतियों को प्रदर्शन किया। इसमें भगवान राम के जीवन से जुड़ी कई चीजों को दिखाया गया। प्रदर्शनी में भगवान राम के 30 फीट ऊंचा कटआउट लगाया गया।दीपोत्सव के मौके पर तीन लाख से ज्यादा दीये जलाए गए। 2017 के दीपोत्सव में 187213 दीये जलाए गए थे।इस दीपोत्सव में एक साथ 301152 दीये जलाए गए, जिसे कि गिनेस बुक ऑफ रेकॉर्ड में शामिल किया गया। इस उपलब्धि पर गिनेस की टीम की ओर से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को सर्टिफिकेट दिया गया।राम की पैड़ी पर शानदार लेजर शो का आयोजन किया गया। इसमें भगवान राम के चित्रों को लेजर लाइट्स के माध्यम से उकेरा गया।अयोध्या में लगेगी भगवान राम की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा नव्य अयोध्या प्रॉजेक्ट के तहत लगने वाली भगवान राम की प्रतिमा का प्रेजेंटेशन देखने के बाद सीएम योगी ने 221 मीटर ऊंची प्रतिमा मॉडल का चुनाव किया है। यह दुनिया की यह सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। आइए देखते हैं क्यों खास होगी यह प्रतिमा..5, कालिदास स्थित अपने आवास पर उन्होंने नव्य अयोध्या प्रॉजेक्ट के तहत लगने वाली भगवान राम की प्रतिमा का प्रेजेंटेशन देखा। कुल 5 आर्किटेक्चर फर्मों ने अपनी कार्ययोजना रखी थी।प्रतिमा के 50 मीटर के पेडेस्टल को म्यूजियम सहित अन्य जनसुविधाओं के लिए उपयोग किया जाएगा। भगवान राम इक्ष्वाकु वंश में पैदा हुए थे। म्यूजियम में इक्ष्वाकु वंश की पूरी वंशावली, उनकी विशिष्टताओं का पूरा विवरण दिखेगा। इसके लिए थ्री डी टेक्नोलॉजी, आडियो-विजुअल की आधुनिक तकनीक सहित अन्य माध्यमों का उपयोग किया जाएगा।प्रतिमा की ऊंचाई 151 मीटर होगी और 50 मीटर का उसका पेडेस्टल होगा। वहीं 20 मीटर का प्रतिमा का छत्र होगा। इस प्रकार प्रतिमा की कुल ऊंचाई 221 मीटर होगी।मध्य प्रदेश के चुनावी दौरे में आधा दर्जन जनसभाओं को संबोधित करने के बाद योगी देर शाम लखनऊ पहुंचे थे। इसके बावजूद इस प्रस्ताव को प्राथमिकता देते हुए सीएम ने प्रेजेंटेशन देखी व फाइनल डिजाइन चुना।सरयू तट पर लगने वाली इस प्रतिमा के लिए भूमि चयन के लिए सॉइल टेस्टिंग सहित अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने का काम शुरू हो चुका है। प्रजेंटशन के दौरान अपर मुख्य सचिव पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी भी मौजूद रहे।फिलहाल दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा गुजरात में बनी 182 मीटर की सरदार बल्लभ भाई पटेल की है। इसको बनाने वाले कलाकार राम सुतार भी प्रेजेंटेशन के दौरान सीएम योगी के साथ मौजूद थे।अयोध्या: दीपोत्सव के दौरान लेजर लाइट्स की रोशनी में नहाया आकाशअयोध्या में आयोजित होने वाले दीपोत्सव में 26 अक्टूबर को देश-विदेश से बुलाए गए 1700 कलाकार अपनी अपनी शैली की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से लोगों का मन मोहेंगे। इनमें से 1 हजार कलाकार रथों पर सवार होकर रामकथा का प्रदर्शन करते हुए शोभा यात्रा निकालेंगे। अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. वाईपी सिंह के मुताबिक इस साल के दीपोत्सव में सांस्कृतिक दलों का चयन इस मकसद से किया गया है कि वे यहां के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद जब अपने प्रदेश या देश वापस जाएं तो वे वहां अयोध्या व यहां दीपोत्सव का प्रचार भी करें। इसीलिए उन इलाकों से लोगों को चुना गया है जो अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए श्रीराम के प्रति अनुराग की भावना दर्शाते हैं।विरह गीत गायन के लिए मशहूर नेपाल मिथिला के जनकपुर के कलाकारों की टोली हिस्सा लेने आ रही है। जनकपुर जानकी जी का मायका कहा जाता है। जहां उनके विवाह पर जश्न मनाकर विदाई गीत में दर्द का एहसास करवाया जाता है। छत्तीसगढ़ मां कौशल्या का मायका है। यहां की सांस्कृतिक टोली इस साल के कार्यक्रम का हिस्सा बन रही है, जिससे मां कौशल्या के अयोध्या रिश्ते को लोकसंगीत के बल पर जोड़ा जा सके।निदेशक डॉ. सिंह ने बताया कि इंडोनेशिया, थाईलैंड, नेपाल, श्रीलंका व मॉरिशस की रामलीला मंडलियां भी अपनी शैली की रामलीलाओं का मंचन दीपोत्सव के मुख्य स्थल राम की पैड़ी के अलावा 10 मिनी मंचों पर करेंगे। संस्कृति विभाग के संयोजन में होने वाल
Source: Navbharat Times October 21, 2019 05:56 UTC