तस्वीर साभार: istockphoto.comट्रेडमिल पर दौड़ते वक्त हार्ट अटैक का खतरा, बरतें ये सावधानियांकरें ये एक्सर्साइज, हार्ट अटैक का खतरा होगा 80% कम29 सितंबर को होता है विश्व हृदय दिवस कॉर्डियो वस्कुलर डिजीज यानी हृदय रोग भारत में मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है। भारतीयों में आनुवंशिक संरचना के कारण हृदय रोग का खतरा अधिक है। इसके मुख्य कारणों में से एक लगातार जीवनशैली में होते रहने वाला बदलाव है जिससे कई भारतीय गुजरते हैं। इन बदलावों में शारीरिक गतिविधियों का न होना, खराब आहार व्यवस्था, चीनी और नमक अधिक खाना और ट्रांस फैट का उच्च मात्रा में सेवन करना शामिल है। 29 सितंबर को हर साल वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है। ऐसे में इन 6 चीजों का पालन कर अपने दिल को हीरो बनाने और हेल्दी रखने का संकल्प लें...इस साल वर्ल्ड हार्ट डे पर प्रतिज्ञा लें कि आप अपने खानपान को लेकर सचेत रहेंगे। भोजन में हेल्दी चीजें जैसे बादाम, ताजे फल, ओट्स आदि को शामिल करें और अनहेल्दी स्नैकिंग से बचें। सही खानपान के महत्व पर जोर देते हुए बॉलिवुड ऐक्ट्रेस सोहा अली खान कहती हैं, 'अपने आहार में छोटे-छोटे बदलाव करें जैसे- अधिक प्रोसेस्ड और तले हुए खाद्य पदार्थों की जगह सूखे, नमकीन बादाम का सेवन करना, जो न केवल आपका पेट भरेगा बल्कि आपके संपूर्ण स्वास्थ्य में भी सहायक होगा।'अपने डॉक्टर यानी फिजिकल ट्रेनर से सलाह लेकर दैनिक दिनचर्या में कुछ एक्सर्साइजेज को शामिल करें और ऐक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं। चाहे वह तेज चलना हो, हल्की जॉगिंग करनी हो, जिम जाना हो, तैराकी, जुंबा या योग जो भी हो, एक ऐसी फिटनेस गतिविधि चुनिए जो आपको बहुत अच्छा महसूस कराए। फिटनेस फ्रीक और सुपरमॉडल मिलिंद सोमन कहते हैं, 'मुझे दौड़ना और तैरना पसंद है- और मैं दोनों के बीच अपने समय को संतुलित करने की कोशिश करता हूं। इन दोनों एक्सर्साइज को आप डेली रुटीन में आसानी से शामिल कर सकते हैं।'अपने एलडीएल यानी बैड कलेस्ट्रॉल के लेवल को लेकर अधिक सावधान और जागरूक बनें जिससे कि आप अपने हृदय की बेहतर सेहत के लिए समय पर बदलाव कर सकें। माधुरी रुइया, डाय ऐंड न्यूट्रिशन कंसल्टेंट बताती हैं, “किसी व्यक्ति के कलेस्ट्रॉल लेवल का जायजा लेना और उसे संतुलित करने का सक्रिय प्रयास करना, समग्र हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इसके लिए अत्यधिक सैचुरेटेड फैट वाले भोजन का सेवन कम करें और इनकी जगह बादाम, योगर्ट या फलों का सेवन करें।पेट की चर्बी का संबंध अक्सर बढ़े हुए बल्ड शुगर लेवल, हाई ब्लड प्रेशर और ट्राइग्लिसराइड्स के उच्च स्तर से होता है जो हृदय रोग को बढ़ाने के अहम जोखिम कारक हैं। ऐसे में अपने परिवार और अपने वजन के बारे में जागरूक बनें। मैक्स हेल्थकेयर दिल्ली की रीजनल हेड रितु समादार बताती हैं, 'अपने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए, अपना वजन कम रखना जरूरी है। जो लोग अपने वजन को बनाए रखने की दिशा में काम कर रहे हैं, उनके लिए बादाम एक अच्छा स्नैकिंग विकल्प है। एक अध्ययन से पता चला है कि हर रोज 42 ग्राम बादाम खाने से एलडीएल कलेस्ट्रॉल में काफी सुधार के अलावा पेट की चर्बी और कमर के आकार में कमी आती है।'हाल के सर्वेक्षण के अनुसार, 86% के वैश्विक औसत की तुलना में लगभग 89% भारतीयों ने तनाव का सामना करने की बात कही है। सर्वेक्षण बताता है कि समग्र कल्याण के लिए, अपने तनाव को नियंत्रण में रखने की दिशा में काम करना जरूरी है। इसके लिए उन चीजों को समय दें जिनसे आपको खुशी मिलती हो। न्यूट्रिशन और वेलनेस कंस्लटेंट शीला कृष्णास्वामी कहती हैं, इस वर्ल्ड हार्ट डे पर खुद को चुनें। मेडिटेशन करें, पेंटिंग करें, किताब पढ़ें, दोस्तों और परिवार वालों के साथ वक्त बिताएं ताकि आपका तनाव कम हो सके। बेवजह का स्ट्रेस भी दिल की बीमारी को बढ़ाता है।स्मोकिंग यानी धूम्रपान की वजह से भी हार्ट डिजीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है क्योंकि सिगरेट के धुएं में मौजूद केमिकल्स हार्ट के ब्ल्ड वेसल्स की दीवार को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे हार्ट अटैक का खतरा रहता है। हाई ब्लड प्रेशर के बाद स्मोकिंग दिल की बीमारी होने का सबसे बड़ा कारण है। जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल असोसिएशन की मानें तो अगर आप सिगरेट पीना छोड़ दें तो 5 साल के अंदर आपको हृदय रोग होने का खतरा 39 प्रतिशत तक कम हो सकता है।वैसे मरीज जिनकी हार्ट आर्टरी सिकुड़ जाती है लेकिन अगर उनमें हमेशा और बहुत ज्यादा तेज सीने में दर्द की शिकायत न हो तो ऐसे मरीजों को इन्वेसिव थेरपी यानी आक्रामक इलाज की जरूरत नहीं होती। ऐसे मरीज सिर्फ साधारण मेडिकल थेरपी से भी स्वस्थ हो सकते हैं। ISCHEMIA ट्रायल नाम की एक मेजर स्टडी जिसमें 5 हजार हार्ट पेशंट्स को शामिल किया गया था में इस बात की पुष्टि हुई है। अमेरिकन हार्ट असोसिएशन की वार्षिक मीटिंग में इस स्टडी के नतीजों को रिलीज किया गया।भारत में हर साल करीब साढ़े 4 लाख मरीजों की ऐंजियोप्लास्टी होती है और बड़ी संख्या में मरीज ब्लॉक्ड आर्टरी के इलाज के लिए बाइपास सर्जरी भी करवाते हैं। दिल्ली स्थित एम्स के प्रफेसर ऑफ कार्डियोलॉजी डॉ अंबुज रॉय कहते हैं, हर साल होने वाली ऐंजियोप्लास्टी और हार्ट सर्जरी में से एक तिहाई मरीज ऐसे होते हैं जिनमें बहुत ज्यादा गंभीर लक्षण नहीं दिखते, उनका Ischemic Heart Disease(IHD) स्टेबल होता है। ISCHEMIA Trial से पता चलता है कि ऐसे मरीजों को सर्जरी की जरूरत नहीं होती और वे मेडिकल थेरपी से ही बेहतर कर लेते हैं। IHD वैसे हार्ट प्रॉब्लम है जिसमें हार्ट आर्टरी यानी दिल की धमनी संकुचित हो जाती है जिससे आखिरकार हार्ट अटैक होता है।ISCHEMIA Trial जिसकी शुरुआत जुलाई 2012 में हुई थी में दुनियाभर के टॉप मेडिकल इंस्टिट्यूट्स के अनुसंधानकर्ताओं को शामिल किया गया था और उन्होंने स्टेबल IHD वाले 5 हजार 179 मरीजों को इस स्टडी के लिए चुना। इन मरीजों को कभी हार्ट अटैक नहीं हुआ था और इनके लेफ्ट मेन कोरोनरी आर्टरी में भी किसी तरह का कोई ब्लॉकेज नहीं था। ज्यादातर मरीजों में संकुच
Source: Navbharat Times November 18, 2019 04:24 UTC