बीजेपी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाहहाइलाइट्स पश्चिम बंगाल में एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने कमर कस ली हैबीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने तो बंगाली भाषा सीखनी भी शुरू कर दी हैदरअसल ममता बनर्जी ने अमित शाह को बाहरी बताया था इसलिए वह लोगों से स्थानीय भाषा में ही संवाद करना चाहते हैंपश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में अभी एक साल का समय बचा है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। दरअसल बीजेपी 'मिशन 250' के तहत पश्चिम बंगाल में प्रचार करने वाली है। चुनावी रणनीति बनाने में कहीं कोई चूक न रहे और इस मामले में भाषा आड़े न आए, इसके लिए बीजेपी अध्यक्ष बांग्ला भाषा सीख रहे हैं। इसके लिए उन्होंने एक शिक्षक रख लिया है। वास्तव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘मां, माटी और मानुष’ का नारा बुलंद करती रहती हैं और हाल के दिनों में उन्होंने बंगाली अस्मिता को खूब हवा देने की कोशिश की है। ऐसे में ममता को चुनौती देने के लिए यह बीजेपी चीफ की बड़ी कोशिश है।गौर करने वाली बात यह है कि ममता के बांग्ला भाषा में लोगों से संवाद करने के मुकाबले में बीजेपी के पास कोई तगड़ा नेतृत्व नहीं है। इसे देखते हुए शाह बांग्ला सीख रहे हैं। बीजेपी की कोशिश है कि पार्टी चीफ कम से कम बांग्ला भाषा को समझने लगें और पश्चिम बंगाल की सभाओं में अपने भाषणों की शुरुआत बांग्ला में करें, जिससे भाषण प्रभावी लगे।अपनी सभाओं में ममता बीजेपी अध्यक्ष को बाहरी कह कर संबोधित करती हैं। अमित शाह को चुनावी रणनीति का माहिर माना जाता है और हर चुनाव के लिए शाह अलग-अलग रणनीति बनाते हैं। लेकिन पहले महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में चूकने और झारखंड में पार्टी की हार के बाद अब अमित शाह बंगाल में चुनावी कमान अपने हाथ में रखना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कायकर्ताओं से संवाद और समन्वय। लिहाजा भाषा कहीं इस रणनीति में आड़े न आए, इसके लिए शाह बांग्ला सीख रहे हैं।पश्चिम बंगाल में बीजेपी के एक बड़े नेता के मुताबिक, इसमें कुछ भी नया नहीं है। नेता ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष बांग्ला और तमिल सहित देश के अलग-अलग प्रदेशों में बोली जाने वाली चार भाषाएं सीख रहे हैं। गौरतलब है कि कई लोग आश्चर्य करते हैं कि वर्षों गुजरात में बिताने के बावजूद अमित शाह कैसे अच्छी हिंदी बोल लेते हैं। इस पर सूत्रों का कहना है कि जेल में रहने के दौरान और कोर्ट द्वारा गुजरात में प्रवेश पर दो साल का प्रतिबंध लगाए जाने के दौरान अमित शाह ने हिंदी पर पकड़ बनाई थी।बीजेपी अध्यक्ष बनने से पहले उन्होंने देश भर का दौरा किया और वह प्रमुख तीर्थस्थानों पर गए। इससे उन्हें देश के तमाम हिस्सों के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक पहलुओं को समझने में मदद मिली। बताया जाता है कि अमित शाह के इसी रिसर्च का परिणाम था कि वह गुजरात से निकलकर उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में चुनावी अभियान को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सके। बहुत कम लोगों को पता होगा कि बहुभाषी होने के साथ ही अमित शाह ने शास्त्रीय संगीत की भी शिक्षा ली है। खुद को रिलैक्स करने के लिए शाह शास्त्रीय संगीत और योग का सहारा लेते हैं।294 विधानसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने 'मिशन 250' का लक्ष्य तय किया है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कुल 42 सीटों में से 18 पर जीत हासिल की थी, जबकि तृणमूल को 22 सीटें मिलीं। भले ही टीएमसी ने बीजेपी से 4 सीटें ज्यादा हासिल कीं, लेकिन यह पहला मौका है, जब भगवा दल ने पश्चिम बंगाल में इतनी सीटें हासिल कीं।
Source: Navbharat Times January 01, 2020 10:45 UTC