न्यूयॉर्क, आठ जनवरी (भाषा) अमेरिका की एक अदालत ने गोल्डमैन सैक्स के भारतीय मूल के पूर्व निदेशक रजत गुप्ता को एक और झटका देते हुए भेदिया कारोबार मामले में उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी । ‘सेकंड्स सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स’ ने सोमवार को जारी एक आदेश में कहा, ‘‘हमने इस याचिका पर गुप्ता के सभी तर्कों पर विचार किया और उसे सुनवाई योग्य नहीं पाया।’’ भेदिया कारोबार के मामले में 2016 में कारावास की सजा पूरी कर चुके गुप्ता (70 वर्षीय) ने तर्क दिया था कि उन्हें उस काम की सजा के लिए दो साल जेल में काटने पड़े, जो आपराधिक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत भी नहीं थे कि उन्होंने अब जेल में बंद राज राजारत्नम को निदेशक मंडल की गोपनीय सूचना देने के लिए ‘‘एक भी पैसा लिया।’’ गुप्ता के वकीलों के तर्क दिया कि गुप्ता को भेदिया कारोबार का दोषी ठहराने के मैनहट्टन जिला अदालत के आदेश को ‘‘पलटा जाना चाहिए’’ और उन्हें दोषमुक्त करार दिया जाना चाहिए। ‘सेकंड्स सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स’ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘एक भेदिया कारोबार योजना में शामिल होने और षड़यंत्र रचने के संबंध में गुप्ता की दोषसिद्धि इस सबूत पर आधारित है कि उन्होंने कई कंपनियों के निदेशक मंडलों में रहते हुए कई बार कंपनियों की गोपनीय सूचना अपने मित्र एवं कारोबारी सहयोगी राज राजारत्नम को दीं।’’ अदालत ने कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि गुप्ता और राजारत्नम कारोबारी सहयोगी थे।
Source: Navbharat Times January 08, 2019 09:33 UTC