akhilesh yadav: आजमगढ़: 2014 में मुलायम को दी कड़ी टक्कर, इस बार अखिलेश के बने प्रस्तावक - lok sabha chunav azamgarh mulayam singh yadav's rival in 2014 polls is akhilesh yadav’s proposer now - News Summed Up

akhilesh yadav: आजमगढ़: 2014 में मुलायम को दी कड़ी टक्कर, इस बार अखिलेश के बने प्रस्तावक - lok sabha chunav azamgarh mulayam singh yadav's rival in 2014 polls is akhilesh yadav’s proposer now


नई दिल्ली जंक्शन: मोदी पर क्या बोले हरियाणा-पंजाब के लोग? Xआजमगढ़ से अपना नामांकन करते अखिलेश यादव (ट्विटर फोटो)लोकसभा चुनाव: BJP ने सोनिया गांधी, मुलायम सिंह, अखिलेश यादव के खिलाफ उम्मीदवार ...Xकरीब एक किलोमीटर लंबे गड्ढों से भरे रास्ते के एक तरफ दामोदर कुंज है और दूसरी तरफ रोशनी से जगमगाता दफ्तर जिस पर 69 लोकसभा सीट का बोर्ड लगा हुआ है। यह सड़क समाजवादी पार्टी (एसपी) के कभी एकजुट रहे यादव कुनबे में आई दरार को भी जाहिर करती है। बताते चलें कि आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस बार एसपी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं।आजमगढ़ के कारोबारी हर्षवर्धन अग्रवाल के दामोदर कुंज में 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मुलायम सिंह यादव रुकते थे। अपने व्यस्त चुनावी कार्यक्रम के बीच प्रचार अभियान के दौरान वह यहीं पर कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया करते थे। लेकिन मुलायम के छोटे भाई शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच पारिवारिक कलह सामने आने के बाद दामोदर कुंज परिसर का एक हिस्सा शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) के दफ्तर के रूप में तब्दील हो गया है। जबकि दूसरे हिस्से में क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक का दफ्तर है।पीएसपीएल के कोषाध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'पुराने पार्टी दफ्तर में मैं एक मॉल बनवाऊंगा। मैं एक कारोबारी हूं। मैं शिवपालजी के साथ हूं। 2014 में मेरे कार्यालय और घर में नेताजी (मुलायम) ठहरते थे। अब मैं चाचाजी (शिवपाल) के लिए फिरोजाबाद में सक्रिय रूप से प्रचार कर रहा हूं।'दूसरी ओर आजमगढ़ में इस बार एसपी को बीएसपी के वोटों का भी भरोसा है। गुरुवार को जब अखिलेश यादव आजमगढ़ से नामांकन के लिए पहुंचे तो 2014 में मुलायम के प्रतिद्वंद्वी रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली अखिलेश के प्रस्तावकों में से एक थे। जमाली ने टीओआई को बताया, 'हम केवल मायावतीजी के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। रोज सुबह 8 बजे मैं घर छोड़ देता हूं और देर रात तक काम करता हूं। हमारा लक्ष्य अखिलेशजी को पांच लाख वोटों से जिताना है। अखिलेशजी के आने से पहले मैं पहुंच गया था और मुस्लिम, यादव या हिंदू वोटों पर ध्यान केंद्रित करने की बजाए उनकी बढ़त के लिए मजबूत आधार तैयार कर लिया है।'2014 के चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट रमाकांत यादव और जमाली दोनों ने लगभग 2.7 लाख वोट हासिल करते हुए मुलायम की जीत की राह में मुश्किल खड़ी कर दी थी। रमाकांत अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और पड़ोस की भदोही सीट से लड़ रहे हैं। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि उनके बेटे अरुण यादव जोकि बीजेपी विधायक भी हैं, वह भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ के लिए प्रचार कर रहे हैं।


Source: Navbharat Times April 22, 2019 03:16 UTC



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