हाइलाइट्स इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली को 2019 के लिए शांति का नोबेल पुरस्कारअबी अहमद को इरिट्रिया के साथ 2 दशकों का संघर्ष खत्म करने के लिए मिला नोबेलअप्रैल 2018 में बने पीएम, कार्यकाल के 100 दिनों में ही इमर्जेंसी हटाई, राजनीतिक बंदियों की रिहाई कीसितंबर 2018 में इरिट्रिया के साथ ऐतिहासिक शांति समझतौता किया, कहे जाते हैं 'इथियोपिया के नेल्सन मंडेला'9 जुलाई 2018 को इरिट्रिया के राष्ट्रपति के साथ इथोपिया के पीएम अबी अहमद अली जॉइंट डिक्लेयरेशन ऑफ पीस ऐंड फ्रेंडशिप पर हस्ताक्षर करते हुए।अफ्रीकी देश इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली को 2019 के लिए प्रतिष्ठित नोबेल पीस प्राइज दिया जाएगा। उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पड़ोसी देश इरिट्रिया के साथ सालों से चले आ रहे सीमा विवाद को हल करने में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए दिया जाएगा। 43 साल के अबी अहमद को इथियोपिया का 'नेल्सन मंडेला' भी कहा जाता है। आइए जानते हैं कि उनकी मंडेला से तुलना क्यों की जाती है।दक्षिण अफ्रीका के गांधी कहे जाने वाले नेल्सन मंडेला जब जेल से निकले तब अब अहमद महज 13 साल के थे। वह मंडेला के बहुत बड़े प्रशंसक हैं और अक्सर उनकी तस्वीर छपी टी-शर्ट पहना करते थे। अप्रैल 2018 में अबी अहमद इथियोपिया के प्रधानमंत्री बने और अफ्रीकी देशों में सबसे युवा राष्ट्राध्यक्ष बने।प्रधानमंत्री बनने के साथ ही उन्होंने इथियोपिया में उदारवादी सुधार शुरू कर दिए। पीएम बनने के 100 दिनों के भीतर ही अबी अहमद ने इमर्जेंसी हटाई। मीडिया से सेंशरशिप हटाने का फैसला किया। उन्होंने हजारों विपक्षी कार्यकर्ताओं को जेलों से रिहा किया। जिन असंतुष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं को देश से निर्वासित किया गया था, उन्हें लौटने की इजाजत दी।सबसे महत्वपूर्ण पहल उन्होंने चिर प्रतिद्वंद्वी इरिट्रिया के साथ खूनी संघर्ष को खत्म करने के लिए की। उनके शांति प्रयासों को देखते हुए लोग उनकी तुलना नेल्सन मंडेला से करने लगे। पिछले साल प्रधानमंत्री बनने के साथ ही स्पष्ट कर दिया था कि वह इरिट्रिया के साथ शांति वार्ता को बहाल करेंगे। उन्होंने इरिट्रिया के राष्ट्रपति इसैयस अफवर्की के साथ मिलकर तुरंत इस दिशा में पहल शुरू की।उन्हीं के प्रयासों का नतीजा था कि पिछले साल इथियोपिया और इरिट्रिया ने सीमा विवाद को हल करने के लिए शांति समझौता किया। इस तरह 20 सालों से दोनों देशों में चल रहा सैन्य तनाव खत्म हुआ। 1998 से 2000 के बीच दोनों देशों के बीच युद्ध चला था।इरिट्रिया के साथ करीब 2 दशकों से चले संघर्ष को खत्म करने के अलावा अबी अहमद ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई विवादों को हल करने में अहम भूमिका निभाई। सितंबर 2018 में उनकी सरकार ने इरिट्रिया और जिबूती के बीच कई सालों से चली आ रही राजनीतिक शत्रुता तो खत्म कर कूटनीतिक रिश्तों को सामान्य बनाने में मदद की। इसके अलावा अबी अहमद ने केन्या और सोमालिया में समुद्री इलाके को लेकर चले आ रहे संघर्ष को खत्म करने में मध्यस्थता की।
Source: Navbharat Times October 11, 2019 09:57 UTC