लखनऊ में 22 अक्टूबर की रात हुई पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए कुख्यात अपराधी कमलेश तिवारी की शुक्रवार को केजीएमयू में मौत हो गई। पुलिस की गोली लगने के बाद से उसका इलाज चल रहा था। पत्नी का आरोप है कि सही ढंग से इलाज नहीं हुआ जिससे कमलेश की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इंफेक्शन फैलने से मौत की पुष्टि हुई है।जागरण संवाददाता, लखनऊ। भिठौली के पास 22 अक्टूबर की रात पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए 26 वर्षीय बदमाश कमलेश तिवारी की शुक्रवार को केजीएमयू गांधी वार्ड में मौत हो गई। बाएं पैर में पुलिस की गोली लगने के बाद से ही उसका इलाज चल रहा था।पत्नी रूमी तिवारी का आरोप है कि सही ढंग से इलाज नहीं हुआ, जिसकी वजह से कमलेश की तबीयत बिगड़ गई। मौत के बाद पुलिस ने तत्काल पोस्टमार्टम कराया और शव का अंतिम संस्कार करा दिया। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इंफेक्शन फैलने से मौत होने का पता चला है। ठाकुरगंज के ब्राह्मणी टोला दौलतगंज स्थित आनंदी माता मंदिर के पास रहने वाले कमलेश तिवारी के खिलाफ बाजारखाला, मोहनलालगंज, दुबग्गा, पारा, तालकटोरा, महानगर, जानकीपुरम, नाका, कृष्णानगर, गाजीपुर, चौक, ठाकुरगंज, पीजीआइ और अलीगंज थाने में लूट, गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट और वाहन चोरी के 32 मामले दर्ज थे। 21 अक्टूबर को कमलेश ने साथी वजीरगंज निवासी अब्बास के साथ मिल कर जानकीपुरम में रास्ता पूछने के बाद शैलबाला से चेन लूटी थी। पुलिस बदमाशों को तलाश रही थी। 22 अक्टूबर को हुई थी मुठभेड़
Source: NDTV November 17, 2024 08:09 UTC