ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट कप्तान टिम पेन ने कहा- मानसिक परेशानी से निकलने का पहला कदम यही है कि हम मानें कि हमें मदद की जरूरत है। -फाइलऑस्ट्रेलियाई टेस्ट कप्तान टिम पेन ने कहा- मानसिक परेशानी से निकलने का पहला कदम यही है कि हम मानें कि हमें मदद की जरूरत है। -फाइलटिम पेन ने कहा- चोट से वापसी के बाद भी मुझे दोबारा चोटिल होने का डर सताता रहता थाऑस्ट्रेलियाई टेस्ट कप्तान की 2010 में चैरिटी मैच के दौरान इंडेक्स फिंगर टूट गई थीपेन को 2018 में बॉल टैम्परिंग विवाद के बाद स्टीव स्मिथ की जगह ऑस्ट्रेलिया का टेस्ट कप्तान बनाया गया थादैनिक भास्कर Jul 12, 2020, 09:07 PM ISTऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान टिम पेन ने 2010 में उंगली में लगी चोट को लेकर खुलासा किया कि वे इससे इतना परेशान हो गए थे कि क्रिकेट से नफरत करने लगे थे और दिन-दिन भर सोफे पर बैठकर रोते रहते थे। हालांकि, स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट ने उन्हें इस मुश्किल से बाहर निकलने में मदद की। उन्होंने 'बाउंस बैक' पॉडकास्ट में यह बातें कही।पेन 2010 में चैरिटी मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। तब डिर्क नानेस की गेंद से उनकी इंडेक्स फिंगर टूट गई थी। इस चोट की वजह से पेन को सात बार सर्जरी करानी पड़ी। उनकी उंगली मैटल प्लेट लगी और वे दो सीजन क्रिकेट नहीं खेल पाए।चोट से वापसी के बाद मैं तेज गेंदबाजों से डरने लगा था: पेनपेन ने बताया कि जब मैंने दोबारा खेलना शुरू किया, तो उतना खराब नहीं था। मैं तेज गेंदबाज का सामना कर रहा था। उस वक्त गेंद का सामना करने से ज्यादा मेरे मन में हमेशा यह डर लगता था कि कहीं दोबारा गेंद उंगली पर न लग जाए। यहां से मेरा करियर नीचे जाने लगा। मैंने बिल्कुल आत्मविश्वास खो दिया था। मैंने यह बात किसी को नहीं बताई। सच्चाई यह है कि मैं चोटिल होने से डर रहा था।'मेरी निजी जिंदगी भी काफी प्रभावित हुई'35 साल के इस क्रिकेटर ने कहा कि खेल के मैदान में उनके इस संघर्ष की वजह से निजी जिंदगी भी बहुत प्रभावित हुई थी। मेरा खाना-पीना और सोना छूट गया था। मैं मैच से पहले इतना नर्वस हो जाता था कि मेरे अंदर ऊर्जा बचती ही नहीं थी। मेरे साथ किसी के लिए भी रहना आसान नहीं था। मेरी पार्टनर के साथ भी रिश्ते बहुत अच्छे नहीं थे। मैं हमेशा गुस्से में रहता था।मेरे साथियों को भी मेरी तकलीफ के बारे में नहीं पता थाउन्होंने आगे कहा कि मैं बहुत शर्मिंदा था कि मैं कैसा बन गया हूं। किसी को नहीं पता था कि मैं स्ट्रगल कर रहा हूं, मेरे साथियों और पार्टनर को भी यह नहीं पता था। कई बार ऐसा हुआ, जब मेरी गर्लफ्रैंड काम पर चली और मैं सोफे पर बैठकर रोता रहता था। ये वाकई दर्दभरा था।स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट ने मेरी बहुत मदद कीइसके बाद मैंने क्रिकेट तस्मानिया के साइकोलॉजिस्ट से सम्पर्क किया। मुझे आज भी याद कि मैं उनके साथ पहले सेशन में सिर्फ 20 मिनट बैठा और इसके बाद कमरे से बाहर निकला, तो काफी हल्का महसूस कर रहा था। तब मुझे लगा कि मानसिक तनाव से निकलने का पहला कदम यही होना चाहिए कि हम मानें कि हमें मदद की जरूरत है। हालांकि, इसे जानने में मुझे 6 महीने का वक्त लग गया।हाल ही में बड़े क्रिकेटरों के मेंटल हेल्थ का मामला तब सुर्खियों में आया, जब ग्लेन मैक्सवेल ने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देकर क्रिकेट से ब्रेक लेने की बात कही। इसके बाद युवा बल्लेबाज निक मैडिसन ने भी इसी वजह से क्रिकेट से ब्रेक लिया।पेन को 2018 में टेस्ट कप्तान बनाया गया थापेन को 2018 में बॉल टेम्परिंग विवाद के बाद स्टीव स्मिथ की जगह टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया था। वे अब तक 31 टेस्ट में 31 की औसत से 1330 रन बना चुके हैं।
Source: Dainik Bhaskar July 12, 2020 08:26 UTC