Swami Swaroopanand Sarasati: swami swaroopanand saraswati postpone ayodhya program scheduled on 21 february - पुलवामा हमले के बाद स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने स्थगित किया अयोध्या शिलान्यास कार्यक्रम - News Summed Up

Swami Swaroopanand Sarasati: swami swaroopanand saraswati postpone ayodhya program scheduled on 21 february - पुलवामा हमले के बाद स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने स्थगित किया अयोध्या शिलान्यास कार्यक्रम


अयोध्या में विवादित भूमि पर 21 फरवरी को शिलान्यास कार्यक्रम का ऐलान कर चुके द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद अपने कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।वाराणसी के बीएचयू कैम्पस स्थित सर सुंदर लाल अस्पताल में इलाज करा रहे स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बयान जारी करते हुए कहा, 'श्रीरामजन्मभूमि के संदर्भ में हमने जो निर्णय लिया है, वह सामयिक और आवश्यक भी है। लेकिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जवानों की शहादत के बाद देश में अचानक आई इस आकस्मिक परिस्थिति को देखते हुए हम यात्रा को कुछ समय के लिए स्थगित करने का निर्णय ले रहे हैं।'स्वरूपानंद ने कहा, 'कश्मीर की आतंकवादी गतिविधियों से देश में युद्ध जैसा वातावरण बन गया है। शहीद हुए सैनिकों के परिवार अत्यंत व्यथित हैं। देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले सैनिकों को हम श्रद्धांजलि देते हैं और उनके परिजनों की भावनाओं के साथ खड़े हैं। यह समय एकजुट होकर आतंकवादियों और उनके पीछे खड़े लोगों के विरुद्ध अपनी दृढ़ता का परिचय देने का है।'उन्होंने कहा कि अयोध्या यात्रा और शिलान्यास के कार्यक्रम से इस समय पूरे देश का ध्यान भटक सकता है। हम नहीं चाहेंगे कि हमारा कोई भी कार्यक्रम राष्ट्रहित में बाधा डाले, इसलिए हम अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि रामाग्रह यात्रा और शिलान्यास का अपना कार्यक्रम कुछ समय के लिए स्थगित कर रहे हैं। अवसर के अनुकूल नया मुहूर्त निकाल कर हम इस कार्यक्रम को भविष्य में पूरा करना चाहेंगे।'द्वारिका पीठ के शंकराचार्य ने कहा, 'जो लोग हमारे इस अभियान के लिए अपने घरों से निकल चुके हैं और विभिन्न स्थानों पर पहुंच चुके हैं, उनको हमारा निर्देश है कि वह अयोध्या में श्रीरामलला के दर्शन कर अपने अपने घरों को वापस चले जाएं। प्रयागराज, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर और अयोध्या के उन लोगों के लिए भी हम अपना आशीर्वाद देते हैं, जिन्होंने उन स्थानों में हमारे सहित हजारों लोगों के रहने खाने और समाधि का प्रबंध किया था।'


Source: Navbharat Times February 17, 2019 07:23 UTC



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