ऐसे में आइए इस प्रगतिशील किसान की सफलता की कहानी (Success Story) के बारे में विस्तार से जानते हैं-परंपरागत खेती से पपीते की खेती तक का सफरप्रगतिशील किसान असगर अली ने कृषि जागरण से बातचीत में बताया कि उन्होंने अपने कृषि जीवन की शुरुआत परंपरागत खेती से की थी. पपीते की खेती के लिए विशेष तैयारियांपपीते की खेती (Papaya Farming) शुरू करने से पहले असगर अली ने अपने खेत की मिट्टी की जांच कराई. उन्होंने बताया कि पपीते की पौध को खेत में लगाने के लिए फरवरी और मार्च का महीना सबसे उपयुक्त है. पपीते की उपज और आयअसगर अली का कहना है कि पपीते का एक पौधा तीन साल तक अच्छी उपज देता है. भविष्य की योजनाएंप्रगतिशील किसान असगर अली की योजना है कि वे अपनी खेती का दायरा और बढ़ाएं.
Source: Dainik Jagran November 15, 2024 23:05 UTC