जागरण संवाददाता, लखनऊ। Subrata Roy Sahara Death: सहारा प्रमुख सुब्रत राय के निधन की खबर मिलते ही बुधवार सुबह से ही उनके अंतिम दर्शन के लिए सहारा शहर में उनके मित्र व कर्मचारी एकत्र होना शुरू हो गए थे। कई भव्य आयोजनों का गवाह रहे सहारा शहर में उमड़ी भीड़ के बीच मातम पसरा हुआ था। नम आंखों से उनके द्वारा किए गए कार्यों व मदद को लेकर हर शख्स के जुबान पर कोई न कोई किस्सा था।समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नरेश उत्तम पटेल ने सुब्रत राय के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि सहारा श्री सुब्रत राय का जाना अपूरणीय क्षति है। शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्य कभी भुलाए नहीं जा सकते। उन्होंने कहा कि वह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रतिनिधि के तौर पर सुब्रत राय को श्रद्धांजलि देने आए हैं।यह भी पढ़ें: Subrata Roy Death: सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय का 75 साल की उम्र में निधन, मुंबई में चल रहा था इलाजसुबह से ही गोमती नगर स्थित सहारा शहर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। दोपहर तीन बजे के बाद सिर्फ उन्हीं लोगों को मुख्य प्रवेश द्वार से प्रवेश दिया गया, जो सहारा शहर के कर्मचारी थे। कुछ ऐसे भी लोग थे, जिनकी सहारा प्रमुख सुब्रत राय से किसी महफिल में एक या दो मुलाकातें हुई थी और वह सुब्रत राय के मुरीद हो गए। अखबारों के जरिए खबर मिली तो पुराने लखनऊ निवासी जफर, शोएब उनके अंतिम दर्शन करने पहुंच गए। कर्मचारियों को उनके जाने का जहां दुख सता रहा था, वहीं दूसरी ओर माथे पर भविष्य की चिंता भी देखी जा सकती थी। सुब्रत राय का पार्थिव शरीर सहारा शहर पहुंचते ही मित्र व कर्मियों ने सहारा श्री अमर रहे के नारे भी लगाए।यह भी पढ़ें: Subrata Roy के निधन के बाद भी क्या निवेशकों को वापस मिलेगा उनका पैसा? यहां जानें सहारा रिफंड से जुड़े सवालों के जवाब
Source: Dainik Jagran November 15, 2023 14:29 UTC