#JammuAndKashmir administration withdraws security of all separatist leaders, including that of Mirwaiz Umar Farooq… https://t.co/hXBDGs470e — ANI (@ANI) 1550384649000जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। आतंकियों की इस कायरता से पूरे देश में उबाल है। जगह-जगह लोग हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं तो कहीं कैंडल लाइट के जरिए शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। हमले में देश के अलग-अलग कोने से जवान शहीद हुए हैं इनमें से 12 उत्तर प्रदेश के हैं। आगे स्लाइड में जानिए, देश के लिए कुर्बान होने वाले जवानों के बारे में-विजय कुमार मौर्य भी इस आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह यूपी के देवरिया जिले के छपिया जयदेव गांव के रहने वाले थे।पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के पश्चिमी बउरिया निवासी बबूल संतरा भी इस हमले में शहीद हो गए।कॉन्स्टेबल महेश कुमार आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह यूपी के प्रयागराज के तुड़िहरबादल का पुरवा गांव के रहने वाले थे।ओडिशा के जगतसिंह पुर जिले के रहने वाले हेड कॉन्स्टेबल पीके साहू भी इस हमले में शहीद हो गए।पुलवामा हमले में भागीरथ सिंह भी शहीद हो गए। राजस्थान के जिले ढोलपुर में जैतपुर के रहने वाले थे।हेड कॉन्स्टेबल राम वकील आत्मघाती हमले में शहीद हो गए। वह यूपी के मैनपुरी के गांव विनायकपुर के रहने वाले थे।हेड कॉन्स्टेबल संजय कुमार सिन्हा पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वह बिहार के पटना में रारगढ़ गांव के रहने वाले थे।हेड कॉन्स्टेबल नारायण लाल गुर्जर भी इस हमले में शहीद हो गए। वह राजस्थान के राजसामंद के बिनोल के रहने वाले थे।उत्तर प्रदेश के कौशल कुमार रावत भी हमले में शहीद हो गए। वह आगरा के केहरई गांव के रहने वाले थे।यूपी के कानपुर देहात जिले के रायग्वान गांव के श्याम बाबू भी हमले में शहीद हो गए हैं।हमले में शहीद हुए प्रदीप सिंह यूपी के कन्नौज के तिर्वा के अजान गांव के रहने वाले थे।यूपी के उन्नाव के लोक नगर गांव के अजीत कुमार आजाद भी हमले में शहीद हो गए।महाराष्ट्र के बुल्ढाना जिले के लखनी प्लॉट गांव के निवासी हेड कॉन्स्टेबल संजय राजपूत भी शहीदों में शामिल हैं।असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर मोहन लाल भी इस हमले में शहीद हो गए। वह उत्तराखंड के उत्तरकाशी के बानकोट गांव के रहने वाले थे।पश्चिम बंगाल के नाडिया जिले के हंसपुकुरिया गांव के रहने वाले सुदीप बिस्वास भी पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए।हेड कॉन्स्टेबल मनेश्वर बासुमतारी भी आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह असम के बासका जिले के कलबारी गांव के रहने वाले थे।तमिलनाडु के अरियालपुर जिले के करगुड़ी गांव के निवासी शिवचंद्रन सी भी पुलवामा हमले में शहीद हो गए।कुलविंदर सिंह पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वह पंजाब के आनंदपुर साहिब के रौली गांव के रहने वाले थे।यूपी के अमित कुमार भी आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह शामली जिले के रायपढ़ गांव के रहने वाले थे।पुलवामा हमले में जीत राम भी शहीद हो गए। वह राजस्थान के भरतपुर जिले के सुंदरवाली के रहने वाले थे।गुरु एच पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वह कर्नाटक के मांड्या जिले के गुड़िगेरे गांव के रहने वाले थे।सुब्रमण्यम जी आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह तमिलनाडु के तूतिकोरिन जिले के सबलापेरी गांव के रहने वाले थे।वसंत कुमार वीवी भी इस हमले में शहीद हो गए। वह केरल के वायानाड जिले के रहने वाले थे।पुलवामा हमले के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार की ओर से अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ले ली गई है, जिनमें ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक , शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन, फजल हक कुरैशी और अब्दुल गनी बट शामिल हैं। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इन 6 नेताओं और दूसरे अलगाववादियों को किसी भी तरह से सुरक्षा कवर नहीं दिया जाएगा।ऑर्डर के मुताबिक रविवार शाम से ही अलगाववादियों को मिली सभी सुरक्षा और गाड़ियों को हटा लिया जाएगा। किसी भी प्रकार से इन छह या किसी दूसरे अलगाववादियों को कोई कवर या सुरक्षा बल उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे। अगर उन्हें सरकार के द्वारा कोई दूसरी सुविधाएं मिल रही हैं तो वे भी तत्काल हटा ली जाएंगी।हालांकि आदेश में पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी का कोई जिक्र नहीं है। अधिकारियों ने बताया है कि पुलिस इस बात की समीक्षा करेगी कि क्या किसी अन्य अलगाववादी को कोई सुरक्षा या सुविधा मिली हुई है तो उसे तत्काल हटाया जाए।आपको बता दें कि हमले के बाद कश्मीर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (ISI) से संपर्क रखने वालों को दी जा रही सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी। इससे पहले एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार के सुझाव पर ऐसे व्यक्तियों को मिली सुरक्षा की समीक्षा की गई, जिनपर आईएसआई के साथ संबंधों का शक है।जम्मू-कश्मीर सरकार के गृह सचिव ने अलगाववादियों को मिली सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया है। गौरतलब है कि ज्यादातर अलगाववादियों को जम्मू-कश्मीर पुलिस सुरक्षा मुहैया कराती है।केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को श्रीनगर में कहा था कि पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई से पैसा लेने वाले लोगों को मिली सुरक्षा की समीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा था, ‘जम्मू-कश्मीर में कुछ लोगों के आईएसआई और आतंकी संगठनों से रिश्ते हैं। उन्हें मिली सुरक्षा की समीक्षा होनी चाहिए।’ कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
Source: Navbharat Times February 17, 2019 06:16 UTC