'कोई भी बात होती है और आप सरकार के बारे में बताते हैं, सरकार को समझना चाहिए कि पब्लिक जो बोलती है और उनकी बहुत सारी एक्टिविटीज़ को और उनके एक्शन्स को क्रिटिसाइज़ करते हैं तो इसका मतलब यह हुआ कि इस कमी को देखें और पूरा करें, बजाय इसके कि उसके सप्रेस करने के या उनके खिलाफ सेडिशन का मुकदमा लगा दें। इसका कोई सेडिशन से संबंध है ही नहीं।' अभिव्यक्ति की आजादी के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजद्रोह कानून की फिर से व्याख्या करने के फैसले पर यह कहना है संजय पारिख का, जो सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट हैं। सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कही 'राजद्रोह' को फिर से परिभाषित करने की बात? सुनें पूरा एनालिसिस डेली न्यूजकास्ट की कवर स्टोरी मेंअक्षय शुक्ला अक्षय शुक्ला
Source: Navbharat Times June 01, 2021 12:11 UTC