उत्तरी क्षेत्रों से आ ठंड भरी हवाओं ने भरी ठंड घोल दी है। बुधवार को लोग ठंड से कांपते हुए नजर आए। तो वहीं गुरुवार की सुबह से बूंदाबांदी शुरू हो गई। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि चार से पांच तक इसी तरह का मौसम बना रहेगा और लोगों को हवाओं के साथ कड़ाके की ठंड का सामना करना होगा। वैज्ञानिकों की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ के चलते एक-दो दिन में मावठे की बारिश होने की उम्मीद है।रीवा जिले में गुरुवार की सुबह से ही मौसम में बदलाव देखने को मिला। सुबह उठते ही हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई। ठंडी हवाओं ने सिहरन को बढ़ा दिया है। इस दरमियान अधिकतम तापमान जहां 23.4 डिग्री सेल्सियस रहा वहीं न्यूनतम तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। मौसम केन्द्र से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछले 48 घंटों के दौरान मौसम शुष्क हो गया है। क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ और इससे प्रेरित चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र कमजोर हो गए हैं। वहीं पश्चिमी विक्षोभ के विघटन की वजह से बर्फीली उत्तर पश्चिमी हवाएं मैदानी इलाकों में चल रही हैं, जिसकी वजह से दिन व रात के तापमान में भारी गिरावट आई है। तापमान में यह गिरावट हिमपात से भरे हिमालय से बफीर्ली ठंडी हवाओं की वजह से आई है।कड़ाके की ठंड से हलाकान रहे लोगइन दिनों कड़ाके की ठंड से हर कोई हलाकान है हालांकि बादलों के आने से गलन भरी ठंड से कुछ राहत मिली है लेकिन सर्द हवा चलने के कारण दिन में भी लोग गर्म कपड़े पहनने के बाद भी राहत महसूस नहीं कर पा रहे है। बुधवार को जिले के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है और अधिकतम तापमान 23.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जबकि न्यूनतम तापमान 11.8 डिग्री के लगभग बना हुआ है।फसलों पर पड़ेगा प्रभावबदला हुआ मौसम में बारिश फसलों के लिए तो लाभकारी होगा। जबकि ओला-पाला पड़ने पर फसले प्रभावित होगी। यही वजह है कि किसान इन दिनों इस मौसम को देखते ही चिंतित हैं किसानों ने बताया कि बारिश- बादल के बीच ओले गिरने की संभावना भी बनती है तथा पाला लगने से फसलें खराब होती है। ऐसे में ओला और पाला को लेकर किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। दोनों ही स्थितियों में फसलें खराब होगी
Source: Dainik Bhaskar January 04, 2024 08:12 UTC