2014 में मोदी के सत्ता में आते ही बीजेपी ने गैर यादव पिछड़ों और गैर जाटव दलितों को सपा-बसपा से तोड़ने की कोशिश शुरू कर दी थी. मोदी से पैर धुलवाने वाले सफाई कर्मचारी भूरेलाल ने NDTV से कहा था कि 'हमें ऐसा लगता है कि हम सपना देख रहे हैं. इनमें जाटव 13.1 फीसदी, पासी 3.2 फीसदी, धोबी 1.4 फीसदी, कोयरी 1.3 फीसदी, बाल्मिकि 1 फीसदी और खातिक 1 फीसदी हैं. यूपी में पिछड़ा वोट 37 से 38 फीसदी है जिनकी 79 उप जातियां हैं. इनमें यादव 11 फीसदी, कुर्मी 4.5 फीसदी, लोधी 2.1 फीसदी, निषाद 2.4 फीसदी, जाट-गुर्जर-तेली-कुम्हार 2-2 फीसदी और नाई-सैनी-कन्हार-काच्ची सब 1.5-1.5 फीसदी हें.
Source: NDTV May 24, 2019 16:03 UTC