जागरण संवाददाता, कानपुर। पांच सौ वर्षों में कारसेवकों व बलिदानियों के योगदान से अयोध्या में रामलला आने से करोड़ों भारतीयों का सपना सच हुआ। मंगलवार शाम को उन्नाव व कानपुर के बीच पुल पर खड़े होकर अविरल गंगा का शंखनाद कर दिया है।उद्योगों व गंदे नालों के कारण यहां सबसे अधिक ‘पाल्यूशन स्ट्रेच’ (प्रदूषण का फैलाव) है। इस क्षेत्र का जल पीने, आचमन व तर्पण योग्य हो गया तो समझो गंगा निर्मल व अविरल हैं। अयोध्या वैसी है, जैसी रामलला के आगमन की खुशी में होनी चाहिए। मंदिर से देश पुराने गौरव में लौट रहा।त्रेतायुग आ गया है। राहुल गांधी को निमंत्रण दिया गया था, लेकिन वो अयोध्या गए नहीं। उन्हें किन मंदिरों में रोका जा रहा है, ये पता नहीं है। ये बातें सेंट्रल स्टेशन पर गोरखपुर-यशवंतपुर ट्रेन से भोपाल जाते समय मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सफाई मंत्री उमा भारती ने मंगलवार को कहीं।जैसे मंदिर बना, गंगा भी अविरल होगीउमा भारती ने कहा, मंत्री रहते गंगा की अविरलता के तीन, सात और 10 साल के कार्यक्रम तय किए थे। अब वर्ष 2025 तक गंगा वैसे ही अविरल होंगी, जैसे मंदिर बना। लोकसभा चुनाव से पहले रणनीति बनाकर इसके लिए मैदान में उतरूंगी। अशोक सिंघल ने मंदिर का काम सौंपा था। गंगा के लिए भी काम करने को कहा था। जैसे तमाम हुतात्माओं ने मंदिर को मूर्त रूप दिया, वैसे ही गंगा अविरलता को कारसेवा होगी।ये भी पढ़ेंः UP Weather News: मौसम विभाग का यूपी के 45 जिलों में कोल्ड डे का अलर्ट, यहां घना कोहरा छाने की चेतावनी, पढ़ें आज की ताजा अपडेटउमा भारती ने कहा कि रामलला की प्रतिष्ठा में आने वाली अड़चनों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूर किया, अब गंगा अविरलता पर भी सहयोग करेंगे। मंत्रालय भले छोड़ा पर गंगा मन से अलग नहीं हैं। कुंभ और माघ मेले की व्यवस्थाएं चार-पांच माह की होती हैं। पूरे समय मां गंगा की धारा अखंड करनी होगी।गडकरी ने कहा था गंगा में चलेंगे जहाजउमा भारती ने कहा कि गंगा में जहाज चलाने के लिए नितिन गडकरी से कहा था। जहाज चले तो जैसे ही बनारस में पानी कम मिलता, स्वयं ही पानी की व्यवस्था में जुटते। अचल रहे अहिवात तुम्हारा, जब लौं गंग-जमुन में धारा की बात सिद्ध करनी है। इससे पहले भाजपा नेता सुरेश अवस्थी के नेतृत्व में रमाशंकर अग्रहरि, योगेश पांडेय, गोपाल दोसर, अंकित तिवारी, रंजना शुक्ला, किरन निषाद ने उनका स्वागत किया।बोलीं- सीसामऊ नाला याद है, त्यागा था अन्न-जल उमा भारती ने गंगा में गिरने वाले सीसामऊ नाले की याद दिलाई। बोलीं, इसे बंद करने के लिए बैराज स्थित सिंचाई विभाग के डाक बंगले में अन्न-जल त्याग दिया था तो सबके हाथ-पांव फूल गए थे। नाला बंद हुआ। अब वैसे ही संकल्प लेकर जा रही हूं।
Source: Dainik Jagran January 24, 2024 18:45 UTC