Rafale deal: why rafale deal matter risks taking parliament back to 2010 - राफेल मामले से संसद में बन सकती है 2010 वाली स्थिति - News Summed Up

Rafale deal: why rafale deal matter risks taking parliament back to 2010 - राफेल मामले से संसद में बन सकती है 2010 वाली स्थिति


बीजेपी और कांग्रेस में राफेल सौदे को लेकर राजनीतिक जंग जारी है। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान ने आग में घी का काम किया है। इसके बाद कांग्रेस के हमले तेज हो गए हैं वहीं बीजेपी भी जवाब देने से नहीं चूक रही है। कांग्रेस ने इस मामले की जॉइंट पार्ल्यामेंट्री कमिटी ( JPC ) से जांच करवाने की मांग की है। बीजेपी का कहना है कि जांच से हमारे विरोधियों को रक्षा संबंधी जानकारियां मिल सकती हैं।इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस पर वार किया था। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस कीचड़ इसलिए उछाल रही है क्योंकि यह उसके लिए आसान है। वह ऐसा पहले भी करती रही है। लेकिन हम उनको बताना चाहते हैं कि जितना कीचड़ उछालोगे, उतना ही कमल खिलेगा।'पिछले सत्र में संसद में कामकाज का हिसाब अच्छा रहा लेकिन अगर कांग्रेस जेपीसी की मांग दोबारा करती है तो संसद चलने में दिक्कत होगी। 2010 में शीत सत्र के दौरान बीजेपी ने 2जी आवंटन के मामले में CAG की रिपोर्ट के बाद जेपीसी जांच की मांग की थी। इसके बाद सत्र का काम काफी प्रभावित हुआ था और यह अबतक का सबसे ज्यादा हंगामेदार सत्र रहा।जेपीसी संसद द्वारा बनाई गई एक समिति होती है जो एक निश्चित समय के लिए बनाई जाती है। इसमें दोनों सदनों के सदस्य होते हैं। लोकसभा के सदस्यों की संख्या राज्यसभा के सदस्यों से दोगुनी होती है। कमिटी सार्वजिनिक संस्थानों, जानकारों के साथ किसी की व्यक्तिगत विचार भी ले सकती है।आज तक सात जेपीसी बनाई गई हैं। इनमें बोफोर्स मामला (1987), हर्षद मेहता स्कैंडल (1992), केतन पारेख शेयर मार्केट घोटाला (2001), पेय पदार्थों में कीटनाशक (2003), 2जी आवंटन (2011), अगुस्टा वेस्टलैंड (2013) और भूमि अधिग्रहण मामला (2015) शामिल हैं। जेपीसी द्वारा दी गई अधिकतर रिपोर्ट या तो रिजेक्ट कर दी गई हैं या उनपर ध्यान नहीं दिया गया है।विपक्षा को एक हथियार देने के साथ बीजेपी उस परिस्थिति से भी बचना चाहेगी जैसा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ हुआ था। उन्हें 2011 में जेपीसी के सामने पेश होना पड़ा था जिसकी वजह से कांग्रेस को शर्मिंदा होना पड़ा। अगर जेपीसी बनती है तो ऐसी स्थिति प्रधानमंत्री मोदी के लिए भी बन सकती है।


Source: Navbharat Times September 26, 2018 13:55 UTC



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