RT-PCR जांच तय करेगी कौन-कौन लेंगे शपथ: कोरोना के कारण शपथ लेने के पहले सांसदों का होगा टेस्ट, PM के सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत यह जरूरी - News Summed Up

RT-PCR जांच तय करेगी कौन-कौन लेंगे शपथ: कोरोना के कारण शपथ लेने के पहले सांसदों का होगा टेस्ट, PM के सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत यह जरूरी


Hindi NewsLocalBiharCoronavirus RT PCR Test Mandatory For Before Taking Oath In Narendra Modi's New CabinetRT-PCR जांच तय करेगी कौन-कौन लेंगे शपथ: कोरोना के कारण शपथ लेने के पहले सांसदों का होगा टेस्ट, PM के सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत यह जरूरीपटना 30 मिनट पहले लेखक: शालिनी सिंहकॉपी लिंकजांच रिपोर्ट आने में करीब 12 घंटे लगेंगे और ऐसे में जांच का सैंपल देने के लिए उन्हें पहले ही दिल्ली कूच करना होगा।केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार का काउंट डाउन शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की टीम ने उन नामों को भी शॉर्ट लिस्ट कर लिया है, जो अब केंद्रीय कैबिनेट में नए चेहरे के तौर पर शामिल होने जा रहे हैं, लेकिन ये नाम शपथ मंच तक पहुंचेंगे या नहीं, ये मोदी और शाह नहीं, बल्कि RT PCR की जांच तय करेगी।PM के सुरक्षा प्रोटोकॉल के मुताबिक शपथ लेने वाले सभी नेताओं को शपथ लेने से पहले यह परीक्षा पास करनी होगी।शपथ लेने के लिए 24 घंटे पहले करना होगा कूचकेंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने वाले नए चेहरों के नामों पर मंगलवार देर रात तक दिल्ली में होने वाली भाजपा आलाकमान की बैठक में अंतिम मुहर लग जाएगी। हालांकि भाजपा ने अपनी तरफ से पूरी लिस्ट तैयार कर ली है, लेकिन सहयोगी पार्टियों जैसे जदयू की तरफ से बढ़ती दावेदारी की वजह से भाजपा की पूरी लिस्ट अब भी अपने फाइनल टच तक नहीं पहुंची। दो कैबिनेट के साथ ही जदयू ने दो राज्य मंत्रियों की भी मांग की है।हालांकि उम्मीद है कि जदयू के हिस्से एक कैबिनेट, एक स्वतंत्र प्रभार और एक राज्यमंत्री आ जाए। जल्द भाजपा की बैठक के बाद शपथ लेने वाले मंत्रियों को PMO से औपचारिक बुलावे का कॉल आने की संभावना है। शपथ के लिए संभावित नेताओं को 7 जुलाई को ही दिल्ली कूच करना होगा।इसकी वजह यह है कि शपथ लेने वाले सभी नए मंत्रियों को शपथ समारोह के पहले RT-PCR जांच करानी होगी। जांच रिपोर्ट आने में करीब 12 घंटे लगेंगे और ऐसे में जांच का सैंपल देने के लिए उन्हें पहले ही दिल्ली कूच करना होगा।संभावित चेहरों को 9 बजने का है इंतजारकैबिनेट विस्तार के काउंटडाउन ने संभावित नेताओं की बेसब्री बढ़ा दी है। इन नेताओं को रात के 9 बजने का इंतजार है, क्योंकि माना जा रहा है कि इस समय तक भाजपा आलाकमान की कैबिनेट विस्तार से जुड़ी बैठक खत्म हो जाएगी। बैठक के खत्म होने के बाद ही संभावितों को फोन कॉल्स आने शुरू होंगे।देर रात तक सब कुछ फाइनल होने के बाद कल सुबह से नेताओं के दिल्ली जाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। शपथ लेने वालों के साथ उनके समर्थक विधायकों और नेताओं की भी दिल्ली के बिहार निवास में भीड़ बढ़ गई है। आलम यह है कि अब बुकिंग के लिए अर्जी लगा रहे नेताओं को दिल्ली बिहार निवास में जगह नहीं मिल रही।देर रात तक सब कुछ फाइनल होने के बाद कल सुबह से नेताओं के दिल्ली जाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।सुशील मोदी, RCP सिंह, ललन सिंह, दिलेश्वर कामत हैं संभावित नामबिहार के जिन नेताओं को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिलने जा रही है, उनमें सुशील मोदी का नाम सबसे आगे है। सुशील मोदी के बाद जदयू के सांसद ललन सिंह और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष RCP सिंह को भी केंद्रीय कैबिनेट में जगह देने की बात सामने आ रही है। साथ ही जदयू की तरफ से राज्यमंत्री के लिए जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष दिलेश्वर कामत का भी नाम संभावितों की लिस्ट में शामिल है। दिलेश्वर रिटायर्ड IRS हैं ।माना जा रहा है कि दिलेश्वर को केंद्रीय कैबिनेट में रेल राज्य मंत्री का जिम्मा मिल सकता है। मंत्री सुरेश अनगड़ी की कोरोना से मौत के बाद यह कुर्सी खाली है। सुशील मोदी को केंद्रीय कैबिनेट में वित्त मंत्रालय मिल सकता है। हालांकि उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिलेगा या सीधे कैबिनेट का, यह फिलहाल साफ नहीं हो पाया है। वित्त मंत्रालय में अनुराग ठाकुर पहले से वित्त राज्य मंत्री की कुर्सी संभाले हैं, इसके बावजूद एक राज्यमंत्री को वित्त मंत्रालय में और लाया जा सकता है।कैबिनेट में बिहार से नए चेहरे होंगे शामिल, पुराने की कुर्सी पर खतराजहां बिहार के चार नए चेहरों को केंद्रीय कैबिनेट में एंट्री मिलने की संभावना है, वहीं केंद्रीय कैबिनेट में कई ऐसे चेहरे भी हैं, जिनकी कुर्सी खतरे में हैं। इसमें सबसे पहला नाम सामने आ रहा है स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे का। स्वास्थ्य विभाग में अनुप्रिया पटेल की एंट्री की चर्चा ने अश्विनी चौबे के बाहर होने की खबरें तेज कर दी हैं।वहीं, बिहार के एक और बयान बहादुर नेता की भी कुर्सी खतरे में दिख रही है। वजह यह है कि बिहार से पहले से 5 मंत्री केंद्रीय कैबिनेट में हैं। ऐसे में चार और चेहरे शामिल होने के बाद यह संख्या 9 हो जाएगी। चुनाव अभी यूपी में होना है, इसलिए बिहार की बजाय भाजपा यूपी से प्रतिनिधित्व बढ़ाने में लगी है। यही वजह है कि नए चेहरों के शामिल होने पर बिहार के 1 से 2 नेताओं को कैबिनेट से बाहर कर दिया जाए।


Source: Dainik Bhaskar July 06, 2021 13:15 UTC



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